गुजरात कैडर के पूर्व IAS अफसर, अरविंद कुमार शर्मा आज बीजेपी में शामिल हो गए. एके शर्मा ने लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे भरोसेमंद अफसरों में शामिल शर्मा ने कुछ दिनों पहले ही VRS लिया है. शर्मा MSME मंत्रालय में सचिव का पदभार संभाल रहे थे.
ऐसी खबरें हैं कि शर्मा को 28 जनवरी को होने वाले एमएलसी चुनाव में खड़ा किया जा सकता है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, योगी सरकार की कैबिनेट में फेरबदल हो सकती है और शर्मा को कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है.
बीजेपी ज्वाइन करने के बाद एके शर्मा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वो हमेशा राष्ट्र के लिए काम करते रहेंगे.
कौन हैं अरविंद कुमार शर्मा?
चाहे CMO हो या PMO, उत्तर प्रदेश के रहने वाले 1988 बैच के IAS ऑफिसर और गुजरात कैडर के अरविंद कुमार शर्मा (AK Sharma) करीब 2 दशकों से नरेंद्र मोदी के साथ हैं. साल 2001 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे, अरविंद कुमार शर्मा उनके सचिव बनाए गए.
वो तब तक प्रदेश की नौकरशाही में रहे जबतक नरेंद्र मोदी सीएम से पीएम नहीं बन गए. इस दौरान शर्मा ने गुजरात सरकार में फील्ड और पॉलिसी स्तर सहित कई दूसरे पदों पर भी काम किया. उन्हें आपदा प्रबंधन, कॉपोर्रेट प्रबंधन, औद्योगिक और निवेश संवर्धन के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट विभागों को संभालने का अनुभव है.
सेंट्रल डेप्युटेशन में भी तेजी से बढ़ा कद
मई, 2014 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने और जून, 2014 में अरविंद कुमार शर्मा गुजरात कैडर से सेंट्रल डेप्युटेशन पर आ गए. उनका ये कार्यकाल जुलाई 2022 तक का था. 2014 में उन्होंने बतौर ज्वाइंट सेक्रेटरी PMO ज्वाइन किया था. तीन साल में उन्हें एडिशनल सेक्रेटरी बना दिया गया.
साल 2020 में जब कोरोना महामारी की वजह से इकनॉमी पाताल में पहुंच चुकी थी और MSME मंत्रालय पर राहत पहुंचाने का भारी दबाव था. उस वक्त वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मंत्रालय में अरविंद कुमार शर्मा की तैनाती हुई. ऐसा कहा गया कि महामारी से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए पीएम मोदी ने अपने खास अफसर की तैनाती विभाग में की है.
मई, 2020 में शर्मा ने मंत्रालय में सेक्रेटरी का पदभार संभाला, उसके कुछ हफ्तों बाद ही MSME को राहत पहुंचाए जाने से जुड़े कुछ ऐलान मोदी सरकार की तरफ से किए गए.
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