ADVERTISEMENTREMOVE AD

पहले किसानों ने टेंट हटाए, अब पुलिस ने बैरिकेडिंग, फिर किसानों के पाले में गेंद

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद गाजीपुर बॉर्डर से राकेश टिकैत ने कुछ टेंट हटवा दिये थे.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

तीन नए कृषि कानूनों (three new farm laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmer Protest) को दिल्ली (Delhi) के चारों ओर बैठे हुए करीब 11 महीने बीत चुके हैं. कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोके गए रास्तों को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा था कि, प्रदर्शन करना किसानों का हक है लेकिन रास्ता रोकना नहीं. जिसके बाद किसानों ने कहा था कि, हमने रास्ता नहीं रोका है, बल्कि दिल्ली पुलिस ने रोका है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
इसी को आगे बढ़ाते हुए राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) से रोड पर लगे दो टेंट हटवा दिए थे और कहा था कि देख लो हमने रास्ता नहीं रोक रखा है. अब दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने भी 29 अक्टूबर को टिकरी बॉर्डर के बाद गाजीपुर से भी बैरिकेड हटा दिए हैं, जिसे किसान नेता राकेश टिकैत ने सही बताया है.

राकेश टिकैत ने क्या कहा ?

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, किसानों को बैठे हुए 11 महीने हो गए. ठीक है, बैरिकेडिंग हटनी चाहिए. इस पर संयुक्त किसान मोर्चा से बातचीत होगी. जब रास्ते खुल जाएंगे तो किसान दिल्ली में जाएंगे, वहीं संसद में फसल बेचेंगे. धान से भरे हुए ट्रैक्टर दिल्ली जाएंगे, देखेंगे कहां रोका जाता है. उन्होंने आगे कहा कि, प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकता है. रास्ते खुलेंगे तो हम भी अपनी फसल बेचने पार्लियामेंट जाएंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?

सुप्रीम कोर्ट ने रास्ते रोके जाने को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा था कि, लंबे वक्त तक रास्तों को नहीं रोका जा सकता है, क्योंकि इससे आम लोगों को दिक्कत होती है. इसी टिप्पणी के बाद राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर से कुछ टेंट हटवाए थे और अब दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड हटाए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पुलिस ने रास्तों में लगा दी थी कीलें

किसान जब प्रदर्शन करने के लिए आ रहे थे तो पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से वो दिल्ली जाना चाहते थे. उस वक्त पुलिस ने सड़कें खोदकर, सड़कों पर कीलें लगाकर और बैरिकेड लगाकर रोकने की कोशिश की थी. पहले हरियाणा में किसानों को रोकने की कोशिश हुई थी लेकिन वो बैरिकेड तोड़ते हुए निकल आये थे. बाद में किसानों ने फैसला किया था कि वो दिल्ली के बॉर्डर पर ही बैठेंगे और तब से वो वहीं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कई बार बातचीत हुई लेकिन हल नहीं निकला

शुरुआत में सरकार के साथ किसानों की कई दौर की वार्ता हुई लेकिन कोई हल नहीं निकल सका. तब से लेकर अब तक किसानों को करीब 11 महीने हो चुके हैं और वो दिल्ली के चारों ओर धरने पर बैठे हैं. किसान सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

किसानों के पाले में गेंद

गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर से दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग हटाने के बाद एक बार फिर गेंद किसानों के पाले में है कि अब वो क्या करते हैं. क्योंकि सड़कों के किनारों पर किसान बैठे हैं और ट्रैफिक चलेगा तो दिक्कत होगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×