छत्तीसगढ़ के असाना गांव में काजल राव नाम की एक महिला ने एक मिसाल कायम की ही है. उन्होंने टॉयलेट बनवाने के लिए अपने जेवर गिरवी रख दिए. वो गिरवी रखने से मिले पैसों से गांव की महिलाओं के साथ 100 से ज्यादा टॉयलेट बनवाएंगी.
काजल पहले भी अपने कुछ गहने बेच चुकी हैं. उनका कहना है कि शौचालय ज्यादा जरूरी है. जो पैसे वो इस तरह से जुटाती हैं, उनसे वह ईंटे बनवाती हैं, जो बाद में टॉयलेट बनवाने के काम आती हैं.
अपने इस काम के बारे में काजल कहती हैं:
पैसों की दिक्कत हो रही थी, इसलिए मैंने अपने गहने बेच दिए. हम अपने गांव में अन्य महिलाओं की मदद से खुद ईंट बनाते हैं...मैं पिछले साल जशपुर की कलेक्टर प्रियंका शुक्ला की स्पीच से प्रभावित हुई थी, उसके बाद ही मैंने इस सामाजिक पहल के बारे में सोचा.
काजल की इस पहल के बाद जशपुर की कलेक्टर ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है.
उनको इस मुहिम के लिए पूरी सुविधा दी जाएगी. जशपुर में सना और दूसरे गांव जल्द ही एक उदाहरण पेश करेंगे.प्रियंका शुक्ला, जशपुर की कलेक्टर
उम्मीद की जा रही है कि इस तरह की पहल से 'स्वच्छ भारत' मिशन आगे बढ़ेगा, जो समाज के लिए लाभकारी साबित होगा.
(इनपुट ANI से)
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