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उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद को गूगल का सलाम, दी डूडल श्रद्धांजलि

गूगल ने 136वीं जयंती पर डूडल बनाकर किया महान कथाकार को याद.

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सर्च इंजन गूगल ने प्रसिद्ध कहानीकार मुंशी प्रेमचंद की 136वीं जयंती के मौके पर अपने होमपेज पर खूबसूरत डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. गूगल की इस शानदार श्रद्धांजलि ने एक बार फिर उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की यादों को ताजा कर दिया है.

मुंशी प्रेमचंद का जन्म साल 1880 में 31 जुलाई को वाराणसी के एक छोटे से गांव लमही में हुआ था. मुंशी प्रेमचंद ने साल 1936 में अपना अंतिम उपन्यास गोदान लिखा था.

मुंशी प्रेमचंद का व्यक्तित्व बड़ा ही साधारण था. उनके निधन के इतने सालों बाद भी उनकी रचनाएं ‘कफन’, ‘गबन’, ‘गोदान’, ‘ईदगाह‘ और ‘नमक का दरोगा‘ हर किसी को बचपन की याद दिलाती हैं.

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चर्चित कहानियांः

  • मंत्र, नशा, शतरंज के खिलाड़ी, पूस की रात, आत्माराम, बूढ़ी काकी, बड़े भाईसाहब, बड़े घर की बेटी, कफन, उधार की घड़ी, नमक का दरोगा आदि.

चर्चित उपन्यासः

  • गबन, बाजार-ए-हुस्न (उर्दू में), सेवा सदन, गोदान, कर्मभूमि, कायाकल्प, मनोरमा, निर्मला, प्रतिज्ञा प्रेमाश्रम, रंगभूमि, वरदान, प्रेमा और मंगल-सूत्र (अपूर्ण).

प्रेमचंद्र ने तीन सौ से भी ज्यादा कहानियां और चौदह बड़े उपन्यास लिखे.

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