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महिला आरक्षण, 3 तलाक बिल पर चिट्ठी-चिट्ठी खेल रहे हैं BJP-कांग्रेस

राहुल गांधी के चिट्ठी के जवाब में अब कानून मंत्री की चिट्ठी

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मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने दांव आजमा रहे हैं. सोमवार को राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखकर महिला बिल को बिना किसी शर्त के समर्थन देने का ऐलान किया है. अब इसी मुद्दे पर राहुल गांधी को घेरते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चिट्ठी लिखकर पूछा है कि यूपीए के कार्यकाल के वक्त महिला आरक्षण बिल क्यों लंबित था? प्रसाद ने राहुल गांधी से तीन तलाक और निकाह हलाला से जुड़े बिल पर भी सहयोग करने की अपील की है.

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चिट्ठी में लिखा है,

क्योंकि आपने संसद में महिला आरक्षण के समर्थन के लिए अपनी गहरी चिंता दिखाई है. मैं प्रस्ताव करता हूं कि बीजेपी और कांग्रेस को एक साथ आना चाहिए और भारतीय महिलाओं के लिए एक नई डील करनी चाहिए   
राहुल गांधी के चिट्ठी के जवाब में अब कानून मंत्री की चिट्ठी
राहुल गांधी के चिट्ठी के जवाब में अब कानून मंत्री की चिट्ठी

दूसरे बिल पर भी सहयोगी की अपील

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चिट्टी लिखकर कहा कि इस बिल को पारित कराने के अलावा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने के लिए उनकी पार्टी को बीजेपी के साथ हाथ मिलाना चाहिए.

राहुल गांधी की चिट्ठी के जवाब में ये चिट्ठी

इससे पहले सोमवार को राहुल गांधी ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए विधेयक लाए जाने की बात की थी. पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर उन्होंने कहा था कि महिला आरक्षण को मॉनसून सत्र में ही पास कराया जाए. राहुल ने लिखा है कि ये बिल राज्यसभा में 8 साल पहले ही पास हो चुका है, लेकिन अबतक लोकसभा में अटका हुआ है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में बीजेपी का बहुमत है और पीएम अपनी रैलियों में महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं.

राहुल गांधी ने इस बिल के बिना किसी शर्त समर्थन करने की भी बात कही है. बता दें कि बुधवार से शुरू होने जा रहे मॉनसून सत्र के लिए बीजेपी और विपक्ष दोनों ने पूरी तैयारी कर ली है. जहां विपक्ष की तैयारी केंद्र को घेरने की है, वहीं सरकार लटके हुए बिल को पारित कराने की कोशिश में होगी.

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