देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार चिंतित नजर आ रही है. दुर्घटनाओं से बचने के लिए सरकार ने फैसला किया है कि जल्द ही नई गाड़ियों में रियर व्यू सेंसर और बैक कैमरा लगाना अनिवार्य किया जाएगा.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव अभय दामले ने इस बात की पुष्टि की है कि इसके लिए सरकार जल्द ही एक अधिसूचना जारी करेगी.
हालांकि अभी कारों में रियर व्यू मिरर तो होता है, लेकिन वह नाकाफी है, क्योंकि उससे कार के पीछे छोटे बच्चों और अन्य चीजों का पता लगाना मुश्किल होता है.
अभय दामले ने अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) द्वारा आयोजित वर्ल्ड रोड्स मीट के एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि देश में ओवर स्पीडिंग के कारण हर साल 50 हजार से ज्यादा मौतें हो जाती है. इसलिए सरकार गाड़ियों में एक ऑडियो चेतावनी का अलर्ट अनिवार्य करने की बात कर रही है.
यह भी है प्लानिंग
दामले ने यह भी बताया कि गाड़ियों में सीट बेल्ट के लिए भी ऑडियो चेतावनी होगी. साथ ही 80 किमी/घंटा की रफ्तार पर एक ‘बीप’ बजेगा और 90 किमी/घंटा की रफ्तार पार करने पर लगातार बीप ड्राइवर को अलर्ट करेगा. इसके अलावा एयर बैग भी गाड़ियों में अनिवार्य करने पर विचार हो रहा है.
1 अक्टूबर, 2018 से गाड़ियों का निरीक्षण और फिटनेस सर्टिफिकेशन टेस्ट ऑटोमेटेड हो जाएगा. इसी तरह ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट भी स्वचलित प्रक्रिया से होगा.
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