सरकार ने एक बार फिर जम्मू और कश्मीर में 3G & 4G इंटरनेट सर्विस पर बैन को बढ़ा दिया है. अब इस इलाके में इंटरनेट बैन को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है. जम्मू कश्मीर सरकार की तरफ से जारी किए गए आदेश में लिखा गया है कि हाईस्पीड इंटरनेट पर कुछ प्रतिबंधों को बढ़ाया जा रहा है. सरकार ने प्रतिबंध बढ़ाने के पीछे देश की संप्रभुता और एकता की रक्षा करने का कारण बताया है.
सुप्रीम कोर्ट में भी जम्मू कश्मीर में इंटरनेट बैन करने को लेकर सुनवाई चल रही है. जनवरी 2020 में जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इंटरनेट तक पहुंच का अधिकार मौलिक अधिकार है. कोर्ट ने 10 जनवरी को कहा, ''इसमें कोई संदेह नहीं है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अभिव्यक्ति की आजादी एक जरूरी टूल है. इंटरनेट तक पहुंच की आजादी भी आर्टिकल 19(1)(a) के तहत मौलिक अधिकार है.''
भारत में सबसे ज्यादा बार इंटरनेट बंद
बता दें कि साल 2019 के दौरान दुनिया में सबसे ज्यादा बार इंटरनेट भारत में बंद किया गया. देश में इंटरनेट पाबंदी पर नजर रखने वाले इंटरनेट शटडाउन ट्रैकर के मुताबिक 2019 में भारत ने 95 बार इंटरनेट पर पाबंदी लगाई. इंटरनेट बंद होने से लोगों की जिंदगी तो थमती ही है, इकनॉमी पर भी इसका बेहद बुरा असर पड़ता है. आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि सिर्फ एक घंटा इंटरनेट बंद होने से कितने करोड़ का नुकसान होता है.
इंटरनेट शटडाउन का एक पहलू आर्थिक है, लेकिन इसे मानवाधिकार के नजरिए से भी देखा जाना चाहिए. कश्मीर में इंटरनेट बैन के दौरान ये बात सामने आई कि लोग अस्पताल में इलाज नहीं करा पा रहे, सरकारी सुविधाओं नहीं ले पा रहे हैं. और अब तो अदालतों ने भी कह दिया है कि इंटरनेट पर बैन दरअसल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.
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