सरकार ने साफ किया है कि 'स्वच्छता ही सेवा' कैंपेन सिंगल-यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने के लिए नहीं, बल्कि इसके प्रति जागरुकता फैलाने के लिए है. इस कैंपेन को 11 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया था. सरकार का सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने का फिलहाल कोई प्लान नहीं हैं. स्वच्छ भारत मिशन के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट में ये सफाई दी गई.
भारत को 2022 तक सिंगल-यूज प्लास्टिक से फ्री करने के कैंपेन के तहत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी जयंती के मौके पर 6 आइटम बैन लगाने की घोषणा करने वाले थे, लेकिन अब ऐसा नहीं किया जाएगा.
मीडिया रिर्पोट्स के मुताबिक, सरकार फिलहाल राज्यों को सिंगल-यूज प्लास्टिक के प्रोडक्ट्स, जैसे पॉलीथिन बैग्स और स्टायरोफोम को बनाने, स्टोर करने और इसका इस्तेमाल करने के खिलाफ मौजूदा नियमों को लागू करने के लिए कहेगी.
रॉयटर्स इंडिया की खबर के मुताबिक, पर्यावरण मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी चंद्र किशोर मिश्रा ने कहा, 'कोई नया बैन ऑर्डर नहीं दिया गया है. अभी प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को बताने, उसे कलेक्ट कर रीसाइक्लिंग के लिए भेजने की जरूरत है, ताकि लोग गंदगी न फैलाएं.'
भारत में सलाना तकरीबन 14 मिलियन टन प्लास्टिक का का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन प्लास्टिक वेस्ट को मैनेज करने में देश अभी काफी पीछे है.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, दुनिया के महासागरों में अब तक करीब 100 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा फेंका गया है. वैज्ञानिकों ने व्हेल जैसे गहरे पानी में रहने वाली मछलियों की आंतों में बड़ी मात्रा में माइक्रो प्लास्टिक पाया है.
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