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गरीबों को मार्च 2022 तक मिलता रहेगा मुफ्त राशन, आलोचना के बाद सरकार का फैसला

मुफ्त राशन योजना को 30 नवंबर के बाद आगे नहीं बढ़ाना चाहती थी सरकार, जमकर हुई थी आलोचना

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केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद हुई ब्रीफिंग में मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने का औपचारिक फैसला कैबिनेट ने लिया है. बता दें कि इससे पहले खुद प्रधानमंत्री इसका ऐलान कर चुके हैं. इसके अलावा कैबिनेट बैठक में कई और फैसलों पर मुहर लगाई गई. जिसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने दी.

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मार्च 2022 तक मिलेगा मुफ्त राशन

अनुराग ठाकुर ने बताया कि कोरोना के बाद गरीबों को जो राशन सरकार की तरफ से दिया जा रहा था, उसे आगे बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा,

"कैबिनेट बैठक में निर्णय किया गया है कि कोविड महामारी के चलते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत देश के लगभग 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 5 किलो गेंहू और चावल मुफ्त में देने की योजना जो मार्च 2020 से लेकर अब तक देने का काम किया है. उसे दिसंबर से लेकर मार्च 2022 तक और 4 महीनों के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया है."

4 महीने क्यों बढ़ाई गई स्कीम?

बता दें कि पहले सरकार की तरफ से बताया गया था कि 30 नवंबर के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों को मिलने वाला मुफ्त अनाज बंद कर दिया जाएगा. केंद्रीय खाद्य सचिव की तरफ से ये जानकारी दी गई थी. इस फैसले के बाद सरकार की खूब आलोचना हुई थी. विपक्ष ने सवाल उठाया था कि गरीबों के लिए सरकार ने ऐसा क्या कर दिया है, जो मुफ्त राशन देना बंद किया जा रहा है.

लेकिन अब सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. अगले कुछ ही महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार ने अब स्कीम को आगे बढ़ाने का फैसला इसी को देखते हुए किया है.
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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने तीनों कृषि कानूनों को लेकर बात करते हुए कहा कि, "आज कैबिनेट बैठक में कृषि कानूनों को औपचारिक रूप से वापस लेने का निर्णय लिया गया है. अगले हफ्ते में पार्लियामेंट की कार्यवाही शुरू होगी, वहां पर दोनों सदनों में कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा."

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