सांसद, विशिष्ट हस्तियां और नौकरशाह अब अपने सरकारी बंगलों में तय समयसीमा से अधिक समय तक नहीं रह सकेंगे. उनसे सरकारी बंगलों को आसानी से खाली कराने के लिए लोकसभा में सोमवार को एक विधेयक पेश किया गया.
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में 'सरकारी स्थान (अप्राधिकृत अभिभोगियों की बेदखली) संशोधन विधेयक 2017' को पेश किया . ऐसा देखा गया है कि मौजूदा कानून का दुरुपयोग करके कुछ अनाधिकृत कब्जाधारी इन बंगलों और मकानों में जमे रहते थे. बार-बार सरकार की ओर से नोटिस भेजे जाने के बावजूद इन बंगलों को खाली कराना आसान नहीं होता था.
यह विधेयक अधिकारियों को लोगों को इन आवासों से बेदखल करने की प्रक्रिया शुरू करवाने की पावर देता है. अधिकारी तय समय सीमा से तीन दिन अधिक रहने के बाद कार्रवाई कर सकते हैं.
ऐसे कब्जाधारियों को हाई कोर्ट में बेदखली आदेश को चुनौती देने और स्थगन आदेश लेने से हतोत्साहित करने के लिए विधेयक कहता है कि उन्हें तय सीमा के बाद हर महीने बंगले या आवास की टूटफूट के लिए भुगतान करना होगा.
विधेयक में कहा गया है कि संशोधन के बाद अवैध कब्जाधारियों को इन आवासों से हटाना आसान और जल्द हो सकेगा. मौजूदा कानून के तहत बेदखली प्रक्रिया काफी लंबी होती है और कई बार तो इसमें सालों का समय लग जाता है.
-(इनपुट भाषा से)
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