गुलबर्ग सोसाइटी दंगा केस में जकिया जाफरी की अर्जी खारिज
गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
पीएम नरेंद्र मोदी पर लगे थे आरोप
2002 में हुए दंगों के दौरान मुख्यमंत्री थे नरेंद्र मोदी
जकिया जाफरी ने SIT की क्लोजर रिपोर्ट को दी थी चुनौती
गुजरात हाईकोर्ट ने 2002 के दंगों के मामले में जकिया जाफरी की याचिका को खारिज कर दिया है. इस मामले की सुनवाई तीन जुलाई को पूरी हो गई थी. याचिका राज्य के उस समय के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को निचली कोर्ट की ओर से क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दायर की गई थी. याचिका में पीएम मोदी और 59 अन्य को दंगों को लेकर आपराधिक साजिश रचने का आरोपी बनाए जाने की मांग की गई है. जकिया जाफरी दिवंगत कांग्रेस नेता अहसान जाफरी की पत्नी हैं.
क्या है गुलबर्ग सोसाइटी मामला?
फरवरी, 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी पर दंगाइयों ने हमला किया था. इसमें कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान ज़ाफरी सहित 69 लोगों की जान गई थी. एहसान जाफरी उसी सोसाइटी में अपने परिवार के साथ रहते थे. 69 लोगों में से 39 लोगों के शव मिले लेकिन बाकी 30 शव नहीं मिले जिन्हें सात साल बाद कानूनी परिभाषा के तहत मृत मान लिया गया था. एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने 2002 के दंगों के पीछे बड़ी साजिश बताई थी.
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