गुजरात में जहरीली शराब कांड (Gujarat Hooch Tragedy) में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब तक 37 लोगों की मौत हो गई है. वहीं कई लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. गौरतलब है कि सोमवार को बोटाद (Botad) जिले के बुटलेगर में शराब पीने से लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद से कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं इस मामले को लेकर सियासत भी जारी है.
14 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
इस मामले की जांच में सामने आया है कि लोगों ने जहरीली शराब नहीं, बल्कि नशे के लिए केमिकल को सीधे पानी में मिलाकर पिया था. बरवाला, रानपुर और अहमदाबाद ग्रामीण में इस मामले को लेकर तीन FIR दर्ज की गई हैं. स्थानीय पुलिस ने पूरे मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है.
गुजरात के डीजीपी आशीष भाटिया ने बताया कि 14 लोगों के खिलाफ हत्या और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है. ज्यादातर आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.
वहीं इस मामले को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक उच्च स्तरीय बैठक की. मीटिंग में सीएम ने पुलिस अधिकारियों को मादक पदार्थों के अवैध विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित
गुजरात के गृह विभाग ने इस घटना की विस्तृत जांच करने और तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुभाष त्रिवेदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति में मद्य निषेध एवं उत्पाद शुल्क निदेशक एम.ए. गांधी और गुजरात फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक एचपी सांघवी भी हैं.
प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाले खुलासे
पुलिस की प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक, जयेश उर्फ राजू नाम के शख्स ने अहमदाबाद के एक गोदाम से 600 लीटर मिथाइल अल्कोहल चुराया था. 25 जुलाई को उसने बोटाद में रहने वाले अपने चचेरे भाई संजय को 40,000 रुपये में इसे बेच दिया.
डीजीपी आशीष भाटिया ने बताया कि कहा, ‘‘ यह जानते हुए भी कि यह एक औद्योगिक विलायक (सॉल्वेंट) है, संजय ने बोटाद के विभिन्न गांवों के मादक पदार्थ तस्करों को इसे बेचा. इन मादक पदार्थ तस्करों ने इस रसायन को पानी में मिलाकर देशी शराब के तौर लोगों को बेचा.
मरीजों से मिले अरविंद केजरीवाल
मंगलवार को AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भावनगर में नकली शराब पीने से बीमार हुए लोगों से मुलाकात की. उन्होंने सवाल करते हुए ट्वीट किया, "शराबबंदी वाले गुजरात में लोगों को कौन पिला रहा है जहरीली शराब?"
5 साल में अवैध और नकली शराब पीने लोगों की मौत
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में अवैध और नकली शराब पीने से
2016 में 1054
2017 में 1510
2018 में 1365
2019 में 1296
2020 में 947 लोगों की मौत हुई है.
गुजरात, जहां शराब पर प्रतिबंध है, वहां इन 5 सालों में अवैध और नकली शराब से 50 लोगों की मौत हुई हैं. इस दौरान सबसे ज्यादा मौतें मध्य प्रदेश में 1214 लोगों की हुई है. दूसरे नंबर पर कर्नाटक है जहां 5 सालों में 909 लोगों की मौत हुई है.
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