काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) और ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण (Gyanvapi Masjid Row) में 19 तारीख को सभी प्रार्थना पत्र पर अदालत में सुनवाई होगी. इसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. इस मामले को चर्चा में लाने वाली पांच महिलाओं में चार काशी की निवासी हैं. जबकि एक दिल्ली की रहने वाली है.
कौन हैं मुद्दई लक्ष्मी देवी
वाराणसी के नई सड़क निवासी सोहनलाल आर्य की पत्नी लक्ष्मी देवी श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी प्रकरण में मुद्दई हैं. वह हाउसवाइफ हैं. बता दें कि सोहनलाल आर्य ने 26 साल पहले श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में एक याचिका दायर की थी. उस मामले में वह एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त हुए थे और जांच का आदेश भी हुआ था.
लेकिन विरोध की वजह से निरीक्षण नहीं हो पाया था. वह मामला बाद में ठंडा पड़ गया था. जब लक्ष्मी देवी ने श्रृंगार गौरी मंदिर में नियमित दर्शन पूजन का मामला उठाया तो उन्होंने आगे बढ़ कर उनका साथ दिया. और इस मामले में वादी बने. वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन की मदद से 2021 में वाद दाखिल हुआ.
कौन हैं याचिकाकर्ता सीता साहू
याचिकाकर्ता सीता साहू वाराणसी के चेतगंज की निवासी हैं. सीता के पति गोपाल साहू परचुन के व्यवसायी हैं. उन्होंने बताया कि चैत्र नवरात्र में मां की चौखट पर जाकर पूजा करती थीं और लौट आती थी. अल्पकाल के लिए यह पूजा साल में सिर्फ 1 दिन होती थी. इसको लेकर उनके मन में मां के प्रति श्रद्धा आई और उन्होंने अधिवक्ता हरिशंकर जैन के माध्यम से वाद दाखिल कराया.
कौन हैं वादिनि मंजू व्यास
बनारस के रामघाट मोहल्ले की निवासी मंजू व्यास श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी प्रकरण में याचिकाकर्ता हैं. वह ब्यूटी पार्लर चलाती हैं और समाज सेवा से जुड़ी हैं. उन्होंने बताया कि हम सभी महिलाएं सुहाग की रक्षा के लिए यहां दर्शन करने जाती थीं. लेकिन चौखट से ही लौटना पड़ता था. यह क्रम अनवरत कई वर्षों तक चला.
आते-जाते कई महिलाएं एक दूसरे को जानने लग गई. एक बार हम सबने मिलकर विचार किया यह मंदिर साल भर खुलना चाहिए. उसके बाद हम चारों ने संगठित होकर हरिशंकर जैन से फोन पर वार्ता की और अदालत में वाद दाखिल किया.
कौन हैं वादिनि रेखा पाठक
वाराणसी के हनुमान फाटक मुहल्ले की निवासी रेखा पाठक के मन में श्रृंगार गौरी का दर्शन और पूजा पाठ रोज नहीं कर पाने की कसक थी. उन्होंने एक-दूसरे से दर्शन और पूजन के दौरान आपस में बातचीत की और पूरे साल श्रृंगार गौरी की पूजा करने की ठानी. फिर इन्होंने विश्व वैदिक सनातन संघ के सहयोग से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन से बातचीत कर याचिका दायर की.
कौन हैं वादिनि राखी सिंह
श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में वादिनी राखी सिंह नई दिल्ली के हौज खास की निवासी हैं. इनके पति इंद्रजीत सिंह हैं, जिनका स्थानीय पता लखनऊ के हुसैनगंज का है. यह वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन से जुड़ी हुई हैं.
कुछ दिन पहले जितेंद्र सिंह बिसेन ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह वाद वापस ले रहे हैं. ऐसे में कयास लग रहे थे कि राखी सिंह ज्ञानवापी प्रकरण से अपना वाद वापस ले रही हैं.
हालांकि बाद में बिसेन ने इस मसले से अपना बयान बदल लिया था. उन्होंने बताया था कि वह किसी दूसरे मुकदमे में मुकदमा वापस लेकर दोबारा वाद दाखिल करेंगे. इस मुकदमे से उनका कोई लेना देना नहीं है.
(न्यूज इनपुट्स - चन्दन पांडेय)
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