पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 18 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक खत लिखा था. इसमें सिंह ने कोविड मामलों में आई तेजी से निपटने के लिए पीएम मोदी को वैक्सीनेशन बढ़ाने समेत पांच सुझाव दिए थे. अब 19 अप्रैल को पीएम मोदी की जगह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मनमोहन सिंह के खत का जवाब दिया है.
हर्षवर्धन ने ट्विटर पर अपने खत को साझा करते हुए लिखा, "इतिहास आपके साथ दयालु होगा अगर आपका रचनात्मक सहयोग का ऑफर और मूल्यवान सलाह आपकी पार्टी के नेता भी फॉलो करेंगे."
हर्षवर्धन ने क्या लिखा?
हर्षवर्धन ने कहा कि महामारी और वैक्सीन पर कांग्रेस नेताओं के रवैये से वरिष्ठ नागरिकों का वैक्सीनेशन कवरेज औसत से नीचे रहा है.
“आप वैक्सीनेशन का महत्त्व समझते हैं, लेकिन आपकी पार्टी में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग और राज्य सरकार बनाने वाले आपके विचारों से सहमत नहीं हैं. क्या ये गर्व की बात नहीं होनी चाहिए कि भारत अकेला ऐसा विकासशील देश है, जिसके पास 2 वैक्सीन है.” डॉ हर्षवर्धन ने अपने खत में लिखाकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कांग्रेस ने वैज्ञानिक समुदाय को धन्यवाद करने की बजाय वैक्सीन को लेकर झूठ फैलाया. उन्होंने कहा, "कुछ नेताओं ने सार्वजानिक तौर पर वैक्सीनों की निंदा की और अकेले में यही वैक्सीन ली. अगर आपने इन नेताओं को समझाया होता, चाहें प्राइवेट में ही तो इन लोगों का बेहतर सहयोग मिल पता."
“ऐसे ही गैरजरूरी ऐलानों की वजह से कुछ कांग्रेस-शासित राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का वैक्सीनेशन कवरेज औसत से कम रहा. कोरोना की दूसरी वेव में यही कुछ राज्यों की बड़ी हिस्सेदारी रही है. इन राज्यों में टेस्ट पॉजिटिविटी रेश्यो काफी ज्यादा है.”केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि जिसने भी मनमोहन सिंह का खत लिखा है, उसने कई चीजों पर 'गुमराह' किया है. हर्षवर्धन ने कहा कि मनमोहन के खत में कई 'तथ्यात्मक गलतियां' हैं.
PM को मनमोहन की सलाह
मनमोहन सिंह ने 18 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर वैक्सीनेशन ड्राइव में तेजी लाने की सलाह दी थी. सिंह ने लिखा कि संकट से निपटने के लिए वैक्सीनेशन बढ़ाना पड़ेगा.
मनमोहन सिंह ने अपने खत में कहा कि कई लोगों ने अपनी आजीविका खो दी है और लाखों को गरीबी में धकेल दिया गया है. सिंह ने लिखा, “दूसरी वेव में लोग सोचने लगे हैं कि उनकी जिंदगी कब सामान्य होगी.”
सिंह ने कहा कि इस महामारी से लड़ने के लिए कई चीजें की जा सकती हैं लेकिन एक बड़ी कोशिश वैक्सीनेशन प्रोग्राम बढ़ाने की हो सकती है.
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