हरियाणा (Haryana) में आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश संयोजक अहमद जावेद के खिलाफ नूंह हिंसा (Nuh Violence) मामले में हत्या का मामला दर्ज किया गया है. सोहना थाने में दर्ज FIR के मुताबिक, 31 जुलाई को हुई हिंसा के दौरान जावेद पर भीड़ को बजरंग दल नेता प्रदीप कुमार की हत्या (Pradeep Kumar Murder) के लिए उकसाने का आरोप लगा है.
AAP नेता ने आरोपों को खारिज किया
हमले के दौरान प्रदीप कुमार के साथ रहे प्रत्यक्षदर्शी पवन कुमार और बजरंग दल के एक अन्य कार्यकर्ता ने पुलिस को बताया कि जावेद ने लोगों के एक समूह के साथ उनके वाहन को रोका और उनसे प्रदीप पर हमला करने के लिए कहा, जो नाल्हर मंदिर से पुलिस द्वारा बचाए जाने के बाद घर जा रहे थे.
वहीं क्विंट हिंदी से बातचीत में AAP के प्रदेश संयोजक अहमद जावेद ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया और इसे साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि...
"आरोपों में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है. 100 के 100 पर्सेंट झूठ हैं. मैं घटनास्थल से पहले ही 100 किलोमीटर था. ये घटना बता रहे हैं 10 बजे की, मैं वहां से 100 किलोमीटर दूर था. 31 तारीख को मैं यहां से 6 बजे निकल गया हूं और 1 तारीख को सुबह 8 बजे आया हूं."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "मेरी मोबाइल लोकेशन देख लें और जिन टोलों से मैं निकला हूं, वहां के सीसीटीवी फुटेज निकाल लें और जहां मैं अपने रिश्तेदारी में ठहरा हूं वहां के सीसीटीवी कैमरे देख लें."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "मैं खुद पुलिस के पास गया हूं और इसकी जांच करने के लिए बोला हूं. ये बदनाम करने की साजिश है सिर्फ. मैं दो बार थाने भी गया हूं."
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को कुछ सीसीटीवी फुटेज भी हाथ लगे हैं, जिनकी जांच की जा रही है.
बीजेपी ने साधा निशाना
अहमद जावेद पर हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है. दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने ट्वीट किया, "दिल्ली में ताहिर हुसैन, हरियाणा में जावेद अहमद- जगह अलग हो सकती है, पर पार्टी एक ही है. क्या दंगा करना और मासूमों की हत्या करना ही है AAP की अलग तरह की राजनीति? जवाब दो अरविंद केजरीवाल! दंगाई और हिंदू-विरोधी AAP और केजरीवाल का चेहरा फिर हुआ उजागर."
AAP हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा कि जावेद अहमद के खिलाफ झूठी FIR दर्ज की गई है. बीजेपी को हरियाणा के लोग पूरी तरह नकार चुके हैं. इसलिए बीजेपी अब दंगों का षड्यंत्र रचकर समाज को बांटने का काम कर रही है. बीजेपी खुद ही दंगे करवाती है और खुद ही दूसरी पार्टी के नेताओं पर झूठी FIR कराती है.
"हमें जांच से कोई परहेज नहीं, पुलिस अपनी जांच पूरी करे. लेकिन जांच हो तो इस बात की भी हो कि दंगे के समय नूंह से सैकड़ों पुलिसकर्मी बाहर क्यों भेजे गये? पुलिस अधीक्षक छुट्टी पर क्यों भेजे गये?"
कौन था प्रदीप कुमार?
प्रदीप कुमार उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के पांची गांव के रहने वाले थे. वह बजरंग दल में सह संयोजक थे. प्रदीप गुरुग्राम के मारुति कुंज कॉलोनी में बर्तनों की दुकान चलाते थे.
सोमवार, 31 जुलाई को भड़की हिंसा में वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिसके बाद मंगलवार रात को इलाज के दौरान अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. बुधवार को प्रदीप शर्मा का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव पांची में किया गया. इस दौरान भारी भीड़ उमड़ी थी और कई गांव के लोग वहां पहुंचे थे.
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