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रेवाड़ी गैंगरेप के 2 और आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

पिछले दो हफ्ते से फरार आरोपियों को रविवार को पकड़ लिया गया

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हरियाणा पुलिस ने रविवार को रेवाड़ी गैंगरेप मामले के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों में पंकज और मनीष शामिल हैं, जो पिछले दो हफ्ते से फरार थे. इन्हें महेंद्रगढ़ जिले के सतनाली से गिरफ्तार किया गया.

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इससे पहले एसआईटी ने तीसरे आरोपी निशू और दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इन दो शख्स में ट्यूबवेल का मालिक दीनदयाल है, जहां महेंद्रगढ़ में इस घटना को अंजाम दिया गया जबकि दूसरा शख्स संजीव कुमार है.

इन दोनों ने अपराध की जानकारी होने के बावजूद पुलिस को सूचित नहीं किया.

पुलिस ने इसके पहले फरार आरोपियों के बारे में जानकारी मुहैया कराने के लिए एक लाख रुपये ईनाम की घोषणा की थी. सभी आरोपी कनीना गांव के निवासी हैं.

पीड़िता ने हमलावरों की पहचान कर ली है. उसने और उसके परिजनों ने शुरू में पुलिस पर आरोप लगाया था कि वह कार्रवाई नहीं कर रही है और मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है.

पीड़िता ने कहा कि आरोपियों ने उसे कुछ नशीला पेय पदार्थ पिलाया था. इसके बाद आरोपियों ने खेत में एक कमरे में उसके साथ दुष्कर्म किया. आरोपियों बेहोशी की हालत में पीड़िता को गांव के पास एक बस स्टॉप पर छोड़कर फरार हो गए थे.

क्या है रेवाड़ी गैंगरेप केस?

  • छात्रा महेंद्रगढ़ के कनीना में कोचिंग करती है. बीते 12 सितंबर को सुबह करीब 8.30 बजे वह कनीना पहुंची थी. इसी दौरान बस स्टैंड पर उसे गांव के ही दो लड़के पंकज और मनीष मिल गए. दोनों लड़कों ने बातचीत के दौरान छात्रा को पानी में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया.
  • बेहोश हो जाने के बाद दोनों लड़के छात्रा को कार में झज्जर जिला की सीमा से सटे एक खेत में बने कुएं पर ले गए. यहां निशु नाम का एक और लड़का पहले से मौजूद था. यहीं तीनों आरोपियों ने छात्रा के साथ गैंगरेप किया.
  • गैंगरेप के बाद आरोपी छात्रा को शाम 4.30 बजे वापस कनीना लेकर पहुंचे. यहां एक आरोपी ने अपने फोन से युवती के पिता के पास कॉल की. पीड़िता को धमकाकर उससे ही बात कराई गई. पीड़िता ने परिजनों को तबीयत खराब होने की बात कही. बेसुध हालत में ही परिजन पीड़िता को घर लेकर पहुंचे. घर पहुंचकर पीड़िता ने परिजनों को घटना के बारे में जानकारी दी.
  • परिजन पीड़ित छात्रा को देर रात रेवाड़ी लेकर पहुंचे, जहां ट्रॉमा सेंटर में मेडिकल परीक्षण कराने के बाद पीड़िता को घर भेज दिया गया.
  • एक दूसरे जिले की सीमा का मामला बताकर अगले दिन तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ. उच्च अधिकारियों तक मामला पहुंचने के बाद गुरुवार शाम करीब 6 बजे रेवाड़ी महिला थाने ने जीरो एफआईआर दर्ज कर कनीना थाने में मामला ट्रांसफर किया.

(इनपुट IANS से)

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