उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक 20 साल की युवती के साथ हुई दरिंदगी के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. पहले ही देरी से मामला दर्ज करने और बार बार अपने बयान बदलने के चलते यूपी पुलिस सवालों के घेरे में थी, लेकिन अब परिवार के साथ जो व्यवहार हुआ, उससे मामला और ज्यादा बिगड़ गया है. तमाम विपक्षी नेताओं ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है. वहीं पुलिस अब खुद पर लगे आरोपों को लेकर लगातार खंडन और सफाई देने में जुटी है. जानिए इस केस से जुड़ी ताजा 10 बड़ी बातें.
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- पुलिस ने पहले तो हाथरस मामले में पांच दिन बाद गैंगरेप का मामला दर्ज किया, लेकिन अब हाथरस के एसपी ने कहा है कि अलीगढ़ हॉस्पिटल से जो मेडिकल रिपोर्ट आई है उसमें दुष्कर्म की बात सामने नहीं आई.
- एसपी के बयान के बाद यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) सामने आए और बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि पीड़िता की मौत गर्दन में लगी चोट के कारण हुई. एसएफएल रिपोर्ट में स्पर्म नहीं पाया गया है, जिससे साबित होता है कि बलात्कार नहीं हुआ.
- यूपी के एडीजी ने बलात्कार नहीं होने की बात के साथ कहा कि कुछ लोग इस केस को जाति के आधार पर तनाव फैलाने का काम कर रहे हैं, ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है और सख्त एक्शन लिया जाएगा.
- यूपी के सीएम की तरफ से गठित 3 सदस्यीय एआईटी टीम हाथरस पहुंची और पीड़िता के गांव गई. इस टीम ने परिवार के साथ बातचीत भी की. इसके अलावा टीम वहां भी पहुंची जहां पर पीड़िता के साथ दरिंदिगी हुई थी. इस टीम को 7 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है.
- इस मामले के तूल पकड़ने के बाद विपक्षी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी गुरुवार को हाथरस के लिए निकले. लेकिन उन्हें यूपी पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में ही रोक लिया. करीब तीन घंटे तक चली बहस के बाद राहुल गांधी को धारा 188 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया.
- इस मामले को लेकर अब योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. यूपी की पूर्व सीएम और बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि अगर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चि नहीं की जा सकती है तो योगी आदित्यनाथ को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं केंद्र से अपील करती हूं कि योगी को उनके स्थान गोरखनाथ मठ वापस भेज दिया जाए.
- पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश में सिर्फ पीड़िता के साथ रेप नहीं होता, बल्कि बाद में उसे जला भी दिया जाता है. ये किस तरह का शासन है? कभी अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जाता है तो कभी दलितों और आदिवासियों को.
- महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी हाथरस केस के बहाने योगी को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीने में योगी जी कई लोगों को नसीहत देने का काम किया, मैं उन्हें सलाह देना चाहता हूं कि पहले अपने राज्य पर ध्यान दीजिए और जंगल राज के खिलाफ सख्त कार्रवाई कीजिए.
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने हाथरस की घटना का संज्ञान लेते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस जारी किया है. आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मामला दो समुदायों के बीच का है इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए मृतका के परिवार और गवाहों को पर्याप्त सुरक्षा दे.
- हाथरस मामले में भले ही पुलिस रिपोर्ट के हवाले से बार-बार दावा कर रही हो कि पीड़िता के साथ रेप नहीं हुआ, लेकिन सवाल ये उठाया जा रहा है कि आखिर ये साबित करने में पुलिस को 16 दिन कैसे लग गए? साथ ही परिवार को भी मेडिकल रिपोर्ट नहीं दी गई है.
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