हाथरस में युवती के साथ हुई हैवानियत के बाद उत्तरप्रदेश सरकार ने पुलिस, आरोपी समेत पीड़ित परिवार का और पॉलीग्राफ-नार्को टेस्ट कराने का फैसला लिया है. एसआईटी की शुरुआती जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है.
हाथरस के एसपी विक्रम वीर, डीएसपी दिनेश कुमार, सीओ रामशब्द समेत कुल पांच पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड भी कर दिया गया है. एसपी और डीएसपी का नार्को टेस्ट भी करवाया जाएगा. अब शामली में पोस्टेड एसपी विनीत जायसवाल, हाथरस के नए एसपी होंगे.
UP सरकार पर उठ रहे गंभीर सवाल
बता दें मामले में यूपी प्रशासन की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. जिलाधिकारी प्रवीण कुमार और एसपी विक्रांत वीर ने जिस तरह से मामले में हैंडलिंग की है, उसके चलते सरकार की खूब किरकिरी हो रही है. डीएम प्रवीण कुमार पर तो पीड़िता के परिवार ने धमकाने और दबाव डालने के भी आरोप लगाए हैं.
मामले में फजीहत होने के बाद उत्तरप्रदेश सरकार ने एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया था. योगी आदित्नाथ ने कहा था कि टीम 7 दिन के भीतर उन्हें रिपोर्ट सौंपेगी. लेकिन टीम के हाथरस पहुंचने के बाद माहौल और बिगड़ गया. विपक्षी नेताओं को हाथरस आने से रोका जा रहा है, वहीं मीडिया की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
परिवार को बंद किया गया: पीड़िता का भाई
इस बीच पीड़िता के पूरे गांव को छावनी में बदल दिया गया है. 200 से ज्यादा पुलिस वालों ने पूरे गांव को घेर रखा है. ना तो मीडिया कर्मियों को अंदर जाने दिया जा रहा है, ना ही गांव से किसी को बाहर आने दिया जा रहा है.
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