500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी. नोटबंदी को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन अब सुनवाई की तारीख 9 दिसम्बर तय की गई है.
कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर कहा था कि कोर्ट पहले नोटबंदी से लोगों को हो रही दिक्कतों पर जमीनी हकीकत जानेगी इसके बाद याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
याचिका में क्या है
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि नोटबंदी के फैसले के बाद हालात काफी गंभीर हो गए हैं. लोग पैसे की कमी के चलते मर रहे हैं. अपने ही पैसों के लिए लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, "हम 8 नवंबर को नोटबंदी को लेकर अधिसूचना जारी किए जाने पर होने वाली असुविधा और इसकी संवैधानिक वैधता की जांच करेंगे."
पिछली सुनवाई पर जस्टिस टी इस ठाकुर ने केंद्र सरकार को कहा था कि केंद्र सरकार कोर्ट में एफिडेविट दे कर बताये कि वह नोट बंदी से लोगों को परेशानी न हो इसके लिए क्या प्लानिंग और कदम उठाया है.
नोटबंदी के सभी मामले सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में हों ट्रांसफर
केंद्र सरकार की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमे केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि नोटबंदी को लेकर निचली अदालतों और तमाम हाईकोर्ट में जो भी अर्जी दाखिल हुई है, उसकी सुनवाई या तो सुप्रीम कोर्ट में या फिर कसी एक हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दी जाए.
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