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रामपाल दो केस में बरी, लेकिन नहीं होगी रिहाई, जानिए क्यों?

रामपाल पर सरकारी कामों में बाधा डालने और आश्रम में जबरन लोगों को बंधक बनाने का केस दर्ज था.

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अपने आप को संत बताने वाले रामपाल को हिसार कोर्ट ने दो केसों में बरी कर दिया है. सतलोक आश्रम प्रकरण में बरवाला थाने में दर्ज हुए दो केसों में ये फैसला आया है. इसमें आश्रम संचालक रामपाल सहित अन्य आरोपी शामिल हैं. ये मामला भी हरियाणा का ही है.

दोनों केस में बरी होने के बाद भी रामपाल जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे. उनपर देशद्रोह समेत कुछ और भी मामले दर्ज हैं, जिनपर सुनवाई जारी रहेगी. 
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क्या है आरोप?

रामपाल पर सरकारी कामों में बाधा डालने और आश्रम में जबरन लोगों को बंधक बनाने का केस दर्ज है. उन्हें तीन साल पहले 20 नवंबर, 2014 को एक विवाद के बाद गिरफ्तार किया गया था. रामपाल पर एक हत्या का भी केस दर्ज है.

इन दिनों वो देशद्रोह के एक मामले में हिसार जेल में बंद हैं. उन्हें गिरफ्तार करने में पुलिस के पसीने छूट गए थे. पुलिस जब उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी तब रामपाल के समर्थकों ने पूरे आश्रम को घेर लिया था. इस दौरान समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर हिंसा भी हुई थी.

पूरे ऑपरेशन में सरकार ने 26 करोड़ रुपये से अधिक रुपये खर्च किए थे.

कौन है रामपाल

रामपाल ने हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में बतौर जूनियर इंजीनियर अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद वह स्वामी रामदेवानंद महाराज से संपर्क में आए और उनके शिष्य बन गए.

रामपाल ने करीब 23 साल पहले 1995 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सत्संग करने लगे.

2006 में स्वामी दयानंद की लिखी एक किताब पर टिप्पणी के बाद दोनों के समर्थकों के बीच झड़प हुई. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई.

इसके बाद रामपाल की गिरफ्तारी हुई पर वो जेल से बाहर आ गए. लेकिन आर्य समाज से उनके समर्थकों की समय-समय पर झड़प जारी रही. लगातार हो रही घटनाओं के बीच पंजाब-हरियाणा कोर्ट ने रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

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