हिमाचल प्रदेश चुनाव में अब महज 10 दिन का वक्त बचा है. इस बार किस राजनीतिक दल को मिलेगी जीत? क्या वीरभद्र कांग्रेस का राज कायम रखने में कामयाब रहेंगे? ऐसे ही कुछ सवालों को लेकर एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस ने ओपिनियन पोल किया. अगर हिमाचल के इतिहास की बात करें तो साल 1992 से हिमाचल में बदलाव का ही ट्रेंड रहा है. वहां एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी की सरकार बनती है.
एबीपी न्यूज, लोकनीति और सीएसडीएस ने 21 अक्तूबर से 27 अक्तूबर के बीच हिमाचल प्रदेश की 30 विधानसभा क्षेत्रों की 115 जगहों पर लोगों से राय ली. कुल 2815 लोगों से रायशुमारी की गई.
बतौर सीएम कौन है पहली पसंद?
बतौर मुख्यमंत्री लोगों ने सबसे पहला नाम लिया प्रेम कुमार धूमल का. धूमल के नाम पर 31 फीसदी लोगों ने मुहर लगाई. यानी, ये बीजेपी के लिए थोड़ी अच्छी खबर हो सकती है लेकिन अगला ही आंकड़ा काफी करीब भी महसूस होता है. 29 फीसदी लोगों ने कहा कि वो वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री बने रहता देखना चाहेंगे. सुखविंदर सुक्खू 7 फीसदी लोगों की पसंद रहे.
किसको कितने वोट?
एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में निकल कर आया कि बीजेपी को 47 फीसदी वोट मिलने जा रहे हैं. वहीं कांग्रेस को 6 फीसदी कम यानी 41 फीसदी वोट मिल सकते हैं. 12 फीसदी वोट अन्य के खाते में जाएंगे.
किसको कितनी सीटें?
बड़ा सवाल है कि आखिर सरकार किसकी बनने जा रही है और कितनी सीटों के साथ. 68 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी 39-45 सीटों के साथ काबिज हो सकती है. यानी सरकार बीजेपी की हो सकती है. ओपिनियन पोल में कांग्रेस को 22-28 सीट मिल रही हैं.
नोटबंदी और GST पर क्या कहता है हिमाचल?
नोटबंदी और जीएसटी पर भी एबीपी के पोल में सवाल पूछे गए. नोटबंदी को 37 फीसदी लोगों ने सही फैसला बताया तो 43 फीसदी ने गलत. वहीं जीएसटी को सही ठहराने वाले 19 फीसदी लोग ही मिले. 46 फीसदी लोगों को जीएसटी लागू करने का मोदी सरकार का फैसला रास नहीं आया.
2012 में कांग्रेस ने हिमाचल की 36 सीटों पर कब्जा जमाया था. बीजेपी को तब 26 सीटों पर जीत मिली थी. ओपिनियन पोल में इस बार हालात बदलते दिख रहे हैं. हिमाचल में मतदान 9 नवंबर को होना है.
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