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इतिहास ‘पद्मावत’ को याद रखेगा : आशा पारेख

आशा पारेख ने कहा कि काश मैं भंसाली की हीरोइन बनने के लिए 30 साल की हो सकती

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भारत
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पूरे देश में फिल्म ‘पद्मावत‘ को लेकर तरह-तरह के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं . बॉलीवुड के कई दिग्गज कलाकार इस विरोध को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं उन्हीं में एक बॉलीवुड की एक्ट्रेस आशा पारेख भी हैं.

कुछ दिन पहले आशा पारेख का कहना है कि "देश पागल हो गया है". उन्होंने यह बात संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के संदर्भ में ही है. कुछ दिनों पहले भंसाली ने 'पद्मावत' की स्पेशल स्क्रीनिंग आयोजित की थी, और आशा ने भी उस दौरान फिल्म देखी थी.

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भंसाली के काम की प्रशंसा करते हुए आशा ने कहा, "मुझ पर विश्वास करो, मैं सो नहीं पा रही हूं. फिल्म देखने के बाद से मैं उसमें खो गई हूं.उन्होंने कहा, " उन्होंने कहा-

कलाकारों से जिस तरह काम कराया है. उसे देख कर मेरे मन करता है कि काश मैं भंसाली की हीरोइन बनने के लिए 30 साल की हो सकती. लेकिन मैं दीपिका पादुकोण को उनके काम के लिए बधाई देना चाहूंगी.

आशा ने गुरुवार को स्पेशल स्क्रीनिंग के बाद कहा, "अगर आज मुझे रानी पद्मावती पर फिल्म बनानी हो, तो मैं दीपिका को छोड़कर किसी और को फिल्म में नहीं लूंगी. एक्ट्रेस ने कहा, "उनका डांस और एक्टिंग सबकुछ सराहनीय है. रणवीर बुराई का प्रतीक हैं.. फिल्म का हर फ्रेम मोहक है और 'घूमर' नृत्य जिसका सभी ने विरोध किया, वह बहुत सुंदर है.

उन्होंने कहा, "मैं हैरान हूं कि करणी सेना शोर क्यों मचा रही है. फिल्म में राजपूतों के खिलाफ कुछ भी नहीं है. भंसाली पहले जैसी सभी फिल्मों की तरह समुदाय की महिमा का बखान कर रहे हैं.उन्होंने कहा, "भंसाली ने 'पद्मावत' में जो हासिल किया है, उसके लिए इतिहास उन्हें हमेशा याद रखेगा.

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आशा ने कहा, "हां, एक गलती उन्होंने जरूर की. उन्होंने एक ऐसी फिल्म बनाने की हिम्मत की है, जिसे दृष्टिकोण और भव्यता के मामले में मुगल-ए-आजम की प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जा सकता है." डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने दीपिका पादुकोण में वहीदा रहमान को साकार किया है.

और वहीदा 'पद्मावत' की तारीफ करते नहीं थकतीं. "मैं क्या कहूं. मेरे पास शब्द नहीं हैं. यह फिल्म हमेशा याद रखी जाएगी. हर एक फ्रेम परफेक्ट है.उन्होंने कहा,

लगता ही नहीं कि कोई चीज असली नहीं है. जिस तरह हर शॉट्स में लाइट्स हैं, ऐसा लगता है कि उसमें कि सी कृत्रिम प्रकाश का इस्तेमाल ही नहीं किया गया है, बल्कि सूर्य, चांद और टॉर्च की रोशनी का इस्तेमाल किया गया है, जो उन दिनों इस्तेमाल की जाती थी.
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वहीदा विशेष रूप से गीत और नृत्य को लेकर उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, "हमारे देश में नाचने और गाने की हमारी समृद्ध परंपरा है. हम हर अवसर पर गाते और नृत्य करते हैं.उन्होंने कहा कि हमें भंसाली पर पत्थर नहीं फूल बरसाने चाहिए.

सत्तारूढ़ सरकार की सदस्य हेमा मालिनी ने कहा, "भंसाली के साथ जो हो रहा है, सही नहीं है, लेकिन मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकती. यह सुर्खी बन जाएगी. लेकिन, मैं इतना कहना चाहूंगी कि जो लोग हम जैसे भारतीयों को इस खूबसूरत भारतीय फिल्म को देखने से रोक रहे हैं, उन्हें इसे देखना चाहिए. ड्रीम गर्ल ने 'पद्मावत' को सपना सच होने जैसा कहा.

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