अगर आज भारत और पाकिस्तान के बीच न्यूक्लियर युद्ध होता है, तो सीधे तौर पर 2 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत होगी. दुनिया की आधी ओजोन परत भी खत्म हो जाएगी. इसके अलावा दुनियाभर में मॉनसून पर बहुत बुरा असर पड़ेगा और खेती बर्बाद हो जाएगी. इनका एक न्यूक्लियर हथियार 15 किलोटन हिरोशिमा वाले बम के बराबर है.
ये एक अनुमान है जिसे 2007 में 3 यूएस यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पेश किया था कि अगर न्यूक्लियर युद्ध छिड़ जाए तो क्या होगा.
बीजेपी राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने 23 सितंबर, 2016 को कहा था कि अगर पाकिस्तानी न्यूक्लियर अटैक में 10 करोड़ इंडियन मर जाते हैं तो भारत जवाबी कार्रवाई में पूरे पाकिस्तान का सफाया कर देगा.
लेकिन असली तबाही इससे कहीं ज्यादा
- द्वितीय विश्वयुद्ध में मारे गए लोगों के आधे यानी करीब 2 करोड़ लोग एक हफ्ते में खत्म हो जाएंगे.
- 2015 तक पिछले 9 साल में जितने लोग भारत में आतंकवाद से मरे हैं, उससे 2,221 गुना ज्यादा संख्या में लोगों की जान इस न्यूक्लियर युद्ध में चली जाएगी.
- न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल से पर्यावरण काफी प्रभावित होगा, जिसकी वजह से 200 करोड़ लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ेगा.
- 2015 तक के आकंड़ों के मुताबिक पाकिस्तान के पास करीब 110 से 130 न्यूक्लियर हथियार हैं जबकि भारत के पास 110 से 120 न्यूक्लियर हथियार हैं.
उरी हमले के बाद से उठ रही है न्यूक्लियर हमले की सुगबुगाहट
न्यूक्लियर हमले की बात उरी हमले के बाद से उठी है. भारतीय सेना ने कहा है कि हमला पाकिस्तान में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों द्वारा किया गया. उधर पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान की सुरक्षा को खतरा होता है तो वो न्यूक्लियर हथियार के इस्तेमाल से हिचकेगा नहीं.
पाकिस्तान के 66% न्यूक्लियर हथियार बैलिस्टिक मिसाइल में
पाकिस्तान अगर अपनी मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल से टारगेट करके न्यूक्लियर हमला करता है तो भारत के 4 बड़े शहर नई दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरु और चेन्नई तबाह हो जाएंगे.
इस मिसाइल से पाकिस्तान इंडियन आर्मी के बड़े ठिकानों को भी निशाना बना सकता है.
पाकिस्तान की गौरी मिसाइल 1,300 किमी तक वार कर सकती है जिसके निशाने पर दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, नागपुर भोपाल और लखनऊ होंगे. वहीं दूसरी मिसाइल शाहीन-2 की रेंज 2,500 किमी है जो कोलकाता के ईस्ट कोस्ट तक हमला कर सकता है.
भारत के न्यूक्लियर हथियार सबमरीन, मिसाइल और एयरक्राफ्ट में
भारत के 53% न्यूक्लियर हथियार पृथ्वी और अग्नी जैसी मिसाइल में हैं. इसके अलावा भारत सागारिका और आईएनएस अरिहंत जैसी सबमरीन के जरिए भी न्यूक्लियर का इस्तेमाल करता है.
एयरक्राफ्ट की बात करें तो भारतीय एयरफोर्स के जैगुआर की क्षमता 16 न्यूक्लियर हथियार ले जाने की है, वहीं मिराज-2000 की क्षमता 32 परमाणु हथियार ले जाने की है.
भारत पाकिस्तान के शहरों इस्लामाबाद, रावलपिंडी, करांची और नावशेरा में पाकिस्तानी आर्मी मुख्यालय को निशाना बना सकता है. लेकिन पाकिस्तान का क्षेत्रफल छोटा होने की वजह से एक खतरा भी है. अगर लाहौर और कराची जैसे शहरों पर हमला किया जाता है, तो इसका प्रभाव पाकिस्तान की सीमा के भीतर सीमित नहीं रहेगा बल्कि भारत और अफगानिस्तान के सीमांत इलाके भी इससे प्रभावित होंगे.
स्रोत: IndiaSpend
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