हैदराबाद में महिला वेटरनरी डॉक्टर (पशु चिकित्सक) के रेप और हत्या मामले ने इस वक्त पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. डॉक्टर का परिवार आरोप लगा रहा है कि शुरुआत में पुलिस ने इस मामले में ढीला रवैया दिखाया था. हालांकि, अंग्रेजी अखबार द टाइम्स के मुताबिक, पुलिस का दावा है कि उसने 48 घंटे के अंदर इस केस की गुत्थी सुलझा ली.
पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों- जोलू शिवा, जोलू नवीन, मोहम्मद आरिफ और चिंताकुंता चेन्नाकेशावुलु को गिरफ्तार किया है.
बता दें कि वेटरनरी डॉक्टर की झुलसी हुई बॉडी हैदराबाद-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक पुलिया के पास गुरुवार को मिली थी, जो उस टोल प्लाजा से करीब 25 किलोमीटर दूर है, जहां वह आखिरी बार देखी गई थी.
पुलिस को घटना वाले दिन की क्या जानकारी मिली थी?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि घटना वाले दिन यानी बुधवार को महिला डॉक्टर अस्पताल गई थी और शाम को घर लौट आई थी. इसके बाद वह शाम को पांच बजकर करीब 50 मिनट पर दूसरे क्लिनिक के लिए रवाना हुई. उसने अपनी स्कूटी शमशाबाद टोल प्लाजा के पास खड़ी कर शेयर्ड कैब ली थी.
उसकी छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि महिला डॉक्टर ने बुधवार रात 9 बजकर 22 मिनट पर उसे कॉल की थी. इस दौरान डॉक्टर ने बताया था कि वह टोल प्लाजा पर है और किसी ने उससे कहा है कि उसकी स्कूटी के पहिए की हवा निकल गई है और मदद की पेशकश की है.
डॉक्टर ने अपनी बहन को यह भी बताया था कि वह डर रही है. डॉक्टर की बहन ने बताया कि उसने रात 9 बजकर 44 मिनट पर फिर अपनी बहन को फोन किया था, लेकिन तब फोन बंद था. इसके बाद डॉक्टर के परिवार ने पुलिस से संपर्क किया.
पुलिस ने कैसे कड़ियां जोड़कर आरोपियों को पकड़ा?
द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस मामले में पुलिस को शुरुआती अहम सुराग एक टायर मैकेनिक से मिला था. दरअसल पीड़िता की छोटी बहन ने पुलिस को बताया था कि कुछ अज्ञात लोगों ने पीड़िता के पास आकर उसके स्कूटी के टायर में हवा भराने में मदद की पेशकश की थी.
इसी जानकारी के आधार पर साइबराबाद पुलिस ने घटनास्थल के आसपास टायर मैकेनिक की तलाश करनी शुरू कर दी. इसके बाद पुलिस को टोल प्लाजा के पास एक टायर मैकेनिक मिला. पुलिस ने जब उससे सवाल किए तो उसने बताया कि एक लाल रंग की स्कूटी के टायर में हवा भराने के लिए उसके पास एक शख्स आया था.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में तेलंगाना पुलिस के सूत्रों के हवाले से बताया है- गवाह ने बताया था कि संदिग्ध गलत दिशा से टू व्हीकर लेकर आया था, जिसके बाद उस तरफ छानबीन की गई और एक फैक्ट्री से सीसीटीवी फुटेज मिले. फुटेज में टू व्हीलर के साथ दो संदिग्ध दिखे. दूसरे फुटेज में सड़क पर काफी देर से खड़ा एक ट्रक दिखा. हालांकि फुटेज में उस वक्त अंधेरा होने की वजह से ट्रक का रजिस्ट्रेशन नंबर साफ नहीं दिख रहा था.
जब पुलिस ने फुटेज को पीछे जाकर देखा तो उसे पता चला कि ट्रक घटना से 6-7 घंटे पहले टोल प्लाजा पर पहुंचा था. पुलिस को ट्रक का रजिस्ट्रेशन नंबर भी पता चल गया और उसने इसी के जरिए ट्रक-मालिक से संपर्क किया.
जब ट्रक मालिक को टू व्हीलर के साथ दिख रहे आरोपी शिवा के फुटेज दिखाए गए तो उसने कहा कि वह आरोपी को नहीं जानता. हालांकि ट्रक-मालिक ने अपने ट्रक ड्राइवर आरिफ के बारे में जानकारी दे दी.
द न्यूज मिनट के मुताबिक, मीडिया में वेटरनरी डॉक्टर की हत्या की खबर आने के बाद पुलिस को इमर्जेंसी हेल्पलाइन 100 पर एक शख्स का फोन आया, जिसने बताया कि वह एक फ्यूल स्टेशन पर काम करता है. इस शख्स ने पुलिस को बताया कि बीती रात एक लाल स्कूटी के साथ उसके पास दो लोग आए, जिन्होंने प्लास्टिक की बोतल में पेट्रोल खरीदने की कोशिश की. इस शख्स ने बताया कि वह उन दोनों की पहचान भी कर सकता है.
हालांकि बाद में पुलिस ने ट्रक-मालिक की सूचना और मोबाइल फोन टावर लोकेशन के आधार पर सबसे पहले आरिफ को पकड़ा. फिर पुलिस को आरिफ से जो जानकारी मिली, उसका इस्तेमाल करते हुए उसने बाकी 3 आरोपियों को पकड़ा.
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