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Day 6: नहीं लगा AN-32 का सुराग,जानकारी देने वाले को 5 लाख का इनाम

वायुसेना के लापता AN-32 विमान का 6 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिला 

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भारत
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भारतीय वायु सेना के लापता AN-32 विमान की खोज में लगी तमाम एजेंसियों के ठोस प्रयासों के बावजूद अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. खराब मौसम के बीच शनिवार को छठे दिन भी सर्च ऑपरेशन लगातार जारी रहा. लापता हुए विमान में 13 लोग सवार थे.

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने शनिवार को जोरहाट का दौरा किया. वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि धनोआ को ऑपरेशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई और स्थिति से अवगत कराया गया. इसके बाद उन्होंने उन अधिकारियों और वायु सेना के कर्मियों के परिजनों से मुलाकात की, जो भारतीय वायुसेना के विमान में सवार थे.

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सुराग देने वाले को मिलेगा 5 लाख का इनाम

छह दिन बीत जाने के बाद भी AN-32 का कोई सुराग हाथ न लगने के बाद अब भारतीय वायुसेना ने लापता विमान के बारे में कोई सटीक जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है.

विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने बताया-

‘एयर मार्शल आरडी माथुर ने लापता विमान के बारे में कोई सटीक जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है.’

विमान की खोज से जुड़ा कोई सुराग देने के लिए भारतीय वायुसेना से इन फोन नंबरों 0378-3222164, 9436499477/9402077267/9402132477 पर संपर्क किया जा सकता है.

3 जून को लापता हुआ था AN-32

रूस निर्मित विमान ने अरुणाचल प्रदेश के शि-योमि जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए सोमवार दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर असम के जोरहाट से उड़ान भरी थी. जमीनी नियंत्रण कक्ष के साथ विमान का संपर्क दोपहर एक बजे टूट गया. विमान में चालक दल के आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे.

वायु सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने बताया कि खोज टीम इसरो के उपग्रहों सहित विभिन्न एजेंसियों के उन्नत तकनीक और सेंसर के साथ विमान का पता लगाने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्गम इलाके और घने जंगल से मिशन प्रभावित हो रहा है. दिन भर खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण हवाई अभियानों को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ा है.’’  

बढ़ाया गया विमान की खोज का दायरा

उन्होंने कहा कि खराब मौसम के बावजूद वायु सेना, थल सेना और स्थानीय प्रशासनों का ज्वॉइंट सर्च ऑपरेशन जारी रहा.

“भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन में और ज्यादा हेलीकॉप्टरों और मालवाहक विमानों को तैनात किया है और पिछले कुछ दिनों में खोज क्षेत्र का काफी विस्तार किया है. हवाई सेंसर और सैटेलाइट से जुटाए गए डेटा और तस्वीरों का सुराग ढूंढ़ने के लिए बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है.’’
विंग कमांडर रत्नाकर सिंह

स्थानीय और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की टीमें सियांग जिले के आसपास के इलाकों की तलाश कर रही हैं.

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