लद्दाख में चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत ने वायुसेना में 27 मई को तेजस लड़ाकू विमानों का नया स्क्वाड्रन शामिल किया है. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर लड़ाकू विमान तेजस को 18वीं स्क्वाड्रन को सौंपा. वायुसेना प्रमुख ने खुद सिंगल सीटर तेजस लड़ाकू विमान को उड़ाया.
एयरफोर्स की 18वीं स्क्वाड्रन अब लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस से लैस होगी. तेजस को उड़ाने वाली एयरफोर्स की ये दूसरी स्क्वॉड्रन होगी. इससे पहले 45वीं स्क्वाड्रन इसे उड़ा चुकी है.
बता दें नवंबर 2019 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की उड़ान भरी थी.
भारत में बना है तेजस
तेजस विमान भारत में ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)ने बनाया है. भारतीय वायुसेना में से पुराने होते हुए मिग-21 फाइटर की जगह लेने के लिए बनाया गया है. ऐसा एलसीए प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है, जो साल 1980 में शुरू किया गया था. तेजस एक सिंगल इंजन, डेल्टा विंग, मल्टीरोल लाइट फाइटर हैं जिसे ऐरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड(HAL) ने बनाया है.
नवंबर 2016 में वायुसेना ने 50,025 करोड़ रुपए में 83 तेजस मार्क-1ए की खरीदी को मंजूरी दी थी. इस डील पर अंतिम समझौता करीब 40 हजार करोड़ रुपए में हुआ है.
तेजस की ताकत
तेजस हवा से हवा और हवा से जमीन पर मिसाइल हमला कर सकता है. इसमें बम, रॉकेट और एंटीशिप मिसाइल लगाए जा सकते हैं. तेजस सिंगल सीटर पायलट वाला विमान है, लेकिन इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है. ये 54 हजार फिट की ऊचाई तक उड़ान भर सकता है. साथ ही एक बार में 3 हजार किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम है.
बता दें कि, तेजस विमान की जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी की बात की गई थी तो पाकिस्तान और चीन ने अपने थंडरबर्ड को प्रदर्शनी से हटा लिया था. ये थंडरबर्ड से कई गुना ज्यादा दमदार है. इस विमान का नाम तेजस पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था.
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