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भारत को मिला पहला राफेल, एयर मार्शल चौधरी ने भरी 1 घंटे की उड़ान

एयर मार्शल वीआर चौधरी ने करीब 1 घण्टे उड़ान भी भरी

Published
भारत
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भारतीय वायुसेना को फ्रांस में दसॉ एविएशन से पहला राफेल विमान मिल चुका है. एयर मार्शल वीआर चौधरी ने फ्रांस में वायुसेना की टीम का नेतृत्व किया और 1 घंटे तक पहले राफेल में उड़ान भी भरी. भारत और फ्रांस के बीच हुए 60 हजार करोड़ रुपये के समझौते के मुताबिक पहला राफेल भारत को 'एक्सेप्टेंस मोड' में सौंपा जाना था. आने वाले 7 महीनों के दौरान इस विमान को अभी कई टेस्ट से होकर गुजरना होगा.

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पहले राफेल विमान का टेल नंबर आरबी-01 रखा गया है. ऐसा करने के पीछे कारण ये है कि राफेल डील में वायु सेना के अगले चीफ राकेश भदौरिया की अहम भूमिका थी. उनके ही सम्मान में पहले राफेल विमान का टेल नंबर आरबी-01 रखा गया.

मई 2020 तक भारत में आएंगे राफेल विमान

बता दें कि भारत को अभी राफेल विमान फ्रांस में मिला है. राफेल विमानों का भारत में आना मई 2020 में होगा. जो राफेल भारत में आएंगे उनमें कई उपकरण लगाए गए हैं जिसके बाद राफेल की कीमत 79 अरब तक पहुंची है. भारत को सौंपे जाने से पहले खास तौर पर जोड़े गए इन सभी उपकरणों का परीक्षण होगा और वायु सेना के पायलटों की ट्रेनिंग भी कराई जाएगी. वायुसेना के 24 पायलटों को मई 2020 तक प्रशिक्षित किया जाएगा. इन 24 पायलटों को तीन अलग-अलग बैचों में ट्रेनिंग दी जाएगी.

भारत ने 2016 में फ्रांस की सरकार और दसॉ एविएशन के साथ 6 खरब रुपए की लागत से 36 राफेल खरीदने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.भारत अपने पूर्वी और पश्चिमी मोर्चों पर वायुसेना की क्षमता बरकरार रखने के लिए राफेल खरीद रहा है. भारतीय वायुसेना राफेल की एक-एक स्क्वॉर्डन हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हशीमारा एयरबेस पर तैनात करेगी.

(इनपुट ANI)

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