निजामी हजरत निजामुद्दीन औलिया के वंशज हैं. वे दिल्ली में बनी औलिया की दरगाह की देखभाल करते हैं.
इस जगह का नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया. क्विंट ने इस परिवार की मौजूदा तीन पीढ़ियों से मुलाकात की.
सैयद दनियाल निजामी के जीवन का एकमात्र उद्देश्य दरगाह की देखभाल करना और एक सच्चे मुसलमान के रूप में हजरत निजामुद्दीन की शिक्षाओं को आगे बढ़ाना है. वे अपने समय में पू्र्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सऊदी अरब के शाह और ईरान के राजा के साथ भी जुड़े थे.
उनके पुत्र सैयद रुमान निजामी एक दशक के लिए कॉर्पोरेट जगत में हाथ आजमाने चले गए थे, पर वापस अपने पूर्वजों का काम संभालने लौट आए.
रुमान के बेटे रियान की अलग ही योजना है. वो दरगाह संभालने की बजाय ‘टाइगर श्रॉफ’ बनना चाहते हैं.
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