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कश्मीर में ‘मौलिक अधिकारों के हनन’ के विरोध में IAS का इस्तीफा

‘जब लोग कहेंगे कि एक पूरे राज्य पर बैन लगा दिया गया था, तब आप क्या कर रहे थे. मैं कहूंगा कि मैंने नौकरी छोड़ दी थी’

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भारत
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केरल कैडर के IAS और पिछले दिनों बाढ़ राहत कार्यक्रमों को लेकर चर्चा में रहे IAS कन्नन गोपीनाथन ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कश्मीर में चल रहे ब्लैकआउट और मौलिक अधिकारों के हनन को इस्तीफे की वजह बताया है.

कन्नन ने केरल राज्य में कई अहम पदों पर काम किया है. वो ऊर्जा और अपरंपरागत ऊर्जा स्त्रोत विभाग के सचिव रहे हैं. कन्नन ने डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के पद पर भी काम किया है.

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मलयाली वेबसाइट ieMalayalam.com. को दिए इंटरव्यू में गोपीनाथन ने विस्तार से अपने इस्तीफे के कारणों के बारे में बताया.

‘जब लोग कहेंगे कि एक पूरे राज्य पर बैन लगा दिया गया था, तब आप क्या कर रहे थे. मैं कहूंगा कि मैंने नौकरी छोड़ दी थी’
‘जब लोग कहेंगे कि एक पूरे राज्य पर बैन लगा दिया गया था, तब आप क्या कर रहे थे. मैं कहूंगा कि मैंने नौकरी छोड़ दी थी’
‘जब लोग कहेंगे कि एक पूरे राज्य पर बैन लगा दिया गया था, तब आप क्या कर रहे थे. मैं कहूंगा कि मैंने नौकरी छोड़ दी थी’

गोपीनाथान ने आगे कहा, ‘सवाल ये नहीं है कि मैं क्यों अपनी नौकरी से इस्तीफा दे रहा हूं, दरअसल पूछा ये जाना चाहिए कि मैं कैसे इस वक्त अपनी नौकरी में बना रहूं.’

पिछले दिनों चर्चा में थे कन्नन

कन्नन पिछले दिनों डीएनएच प्रशासन के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के तौर पर बाढ़ पीढ़ितों की मदद करने के लिए चर्चा में आए थे. उन्हें रिलीफ और रेस्क्यू ऑपरेशन में एक्टिव तरीके से मदद करते देखा गया था. उन्होंने प्रशासन की तरफ से केरल सीएम डिजास्टर रिलीफ फंड को एक करोड़ रुपये का चेक भी दिया था.

‘जब लोग कहेंगे कि एक पूरे राज्य पर बैन लगा दिया गया था, तब आप क्या कर रहे थे. मैं कहूंगा कि मैंने नौकरी छोड़ दी थी’
वे रिलीफ कैंप में आम आदमी की तरह सामान पहुंचाते नजर आए थे. एक साथी अफसर ने उनकी पहचान मीडिया से शेयर की थी. इसके बाद उनका नाम खबरों में आया था.

कन्नन के इस्तीफे के बाद मीडिया और सोशल मीडिया में लोगों के बीच कश्मीर मुद्दे पर वाद-विवाद भी हो रहा है.

कन्नन ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बी टेक किया था. उन्होंने 2012 सिविल सर्विस एक्जामिनेशन में 59 वीं रैंक हासिल की थी.

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सोर्स: ieMalayalam.com

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