राष्ट्रीय जनसंख्या-आधारित पहले सीरो-सर्वे ( sero-survey) के निष्कर्षों ने संकेत दिया है कि भारत में मई की शुरुआत तक 0.73 फीसदी वयस्क नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण के संपर्क में थे. ऐसे में उस वक्त तक करीब 64 लाख वयस्कों में COVID-19 संक्रमण का अनुमान है.
आईसीएमआर के इस सीरो-सर्वे की सैंपलिंग रैंडम तरीके से की गई थी. इसके लिए 21 राज्यों के 70 जिलों से 700 गांवों/वॉर्डों में सामुदायिक सर्वे किया गया. इन जिलों में जीरो केस वाले 15 जिले, कम केस वाले 22 जिले, मध्यम संख्या में केस वाले 16 जिले और ज्यादा संख्या में केस वाले 17 जिले शामिल किए गए.
सर्वे के लिए कुल 30,283 परिवारों के पास जाया गया और कुल 28,000 लोगों ने इसमें हिस्सा लेने के लिए सहमति जाहिर की. सर्वे में हिस्सा लेने वालों में से लगभग आधे लोग (48.5 फीसदी) 18 से 45 साल के बीच थे, जबकि 51.5 फीसदी (14,390) महिलाएं थीं.
शुरुआत में COVID कवच एलिसा से टेस्ट किए 28,000 लोगों में से 256 को पॉजिटिव और 69 को अनिश्चित के रूप में वर्गीकृत किया गया.
18-45 साल के आयु वर्ग में सीरोपॉजिटिविटी सबसे ज्यादा (43.3) थी, जिसके बाद 46-60 साल के आयु वर्ग (39.5) का नंबर था. 60 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों में सबसे कम सीरोपॉजिटिविटी (17.2) का पता चला.
जीरो केस वाले जिलों में भी SARS-CoV-2 के सीरोपॉजिटिविटी के एक स्तर का पता चलने के पीछे की वजह कम टेस्टिंग और टेस्टिंग की सुविधा तक पहुंच की कमी हो सकती है.
बता दें कि भारत में अब तक COVID-19 के 45 लाख से ज्यादा कन्फर्म्ड केस सामने आ चुके हैं. देश में कोरोना वायरस की वजह से 76 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कुल कन्फर्म्ड केस के हिसाब से भारत अमेरिका के बाद COVID-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है.
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