हरियाणा की खट्टर सरकार ने गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया, क्योंकि महाभारत के कथित दौर में यहां एक कथित गुरु द्रोणाचार्य रहा करते थे. इस कथित आधार पर इस शहर की जीती-जागती वर्तमान पहचान को इसका कथित भूत खा गया. अब इसे नया नाम दिया जा रहा है, जैसे 28 साल के युवा को उसकी पहचान से जुदा कर दिया जाए, क्योंकि उसके दादा कोई और नाम सुझा गए थे.
अब जानिए उन शहरों के बारे में, जिनका भूत उनके वर्तमान को खाने की क्षमता रखता है...
हस्तिनापुर हो सकती है आपकी अपनी दिल्ली
दिल्ली...ये वो शहर है, जो 7 बार जमींदोज होकर भी खड़ा है. शहर की गलियों से गुजरें, तो अंधेरे कोनों में आपको मिटे हुए इतिहासों की परछाइयां मिलेंगी. लेकिन ये शहर आज भी दिल्ली के नाम से जाना जाता है. पर अगर गुरुग्राम फॉर्मूले को आगे बढ़ाया जाए, तो दिल्ली अब हस्तिनापुर हो सकती है, क्योंकि हस्तिनापुर कौरव राजवंश की राजधानी थी और महाभारत में हस्तिनापुर एक अहम स्थान था, जैसे आज भारत में दिल्ली है.
अवंतिका हो सकती है उज्जैन
महाकाल की नगरी उज्जैन के बारे में कहा जाता है कि जो यहां एक बार आ जाता है, वो यहां बार-बार आता है. शिप्रा नदी के तट पर बसा ये शहर विक्रमादित्य की राजधानी रह चुका है. बीते दिनों में इसे अवंतिकानगरी भी कहा जाता था. कवि कालिदास गढ़कालिका देवी के भक्त थे और ये मंदिर प्राचीन अवंतिका नगरी क्षेत्र में ही स्थित है, जिसकी स्थापना महाभारत के दौर में हुई थी. ऐसे में ये संभव है कि ये शहर भी अपने भूतकाल में लौट जाए.
एकचक्रनगरी बन सकता है बिहार का आरा जिला
अगर आपने महाभारत देखा है, तो लाक्षागृह की घटना तो याद ही होगी. ये लाक्षागृह की घटना वर्तमान के आरा जिले में हुई थी. तब इस शहर का नाम एकचक्रनगरी हुआ करता था. महाभारत में पांडवों की जीत हुई थी और पांडव धर्म की ओर थे. ऐसे में धर्म के लिए आरा जिला भी अपना वर्तमान नाम खो सकता है.
चंद्रावती बन सकता है वडोदरा
यूं तो वडोदरा शहर कई बार अपना नाम खो चुका है. पहले वो बड़ौदा था. उससे पहले वदपत्र और उससे पहले चंद्रावती और वीरावती. लेकिन अब चूंकि गुड़गांव का नाम बदला गया है, तो गुजरात की बीजेपी सरकार इस शहर के पुराने नाम को जिंदा कर सकती है.
अहिल्यानगरी हो सकता है इंदौर
इंदौर शहर अपने साथ मराठा साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास की थाती लिए है. ये शहर पहले इस शहर की शूरवीर रानी अहिल्याबाई के नाम से ही जाना जाता था.
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