IIM कोलकत्ता की पहली महिला निदेशक अंजू सेठ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना त्यागपत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंप दिया. अंजू सेठ ने कार्यकाल से एक साल पहले ही बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के साथ टकराव के चलते इस्तीफा दिया है.
बताया जा रहा है कि IIM कोलकाता के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने महिला निदेशक अंजू सेठ के अधिकार कम कर दिए थे, जिससे वे नाराज चल रही थीं.
बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से विवाद के बीच इस्तीफा
अंजू सेठ का बोर्ड ऑफ गवर्नर से टकराव पिछले कई दिनों से चल रहा था. उन्होंने बोर्ड के अध्यक्ष श्री कृष्णा कुलकुर्णी पर अपने अधिकारों को सीमित करने का आरोप लगाया था. इसे लेकर अंजू सेठ ने शिक्षा मंत्रालय को भी लेटर लिखा था.
इस विवाद के बीच अंजू सेठ मेडिकल लीव पर चली गई थीं और इसके बाद उन्होंने IIM कोलकाता के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया.
अंजू सेठ ने शिक्षा मंत्रालय से की थी शिकायत
IIM कोलकाता के बोर्ड ऑफ गवर्नर से टकराव को लेकर अंजू सेठ ने शिक्षा मंत्रालय को लेटर लिखा था. इसमें अंजू सेठ ने चेयरमैन श्रीकृष्णा कुलकर्णी पर अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करने की बात कही थी, साथ ही उनके काम में दखलअंदाजी करने की शिकायत की थी.
IIM कोलकाता की निदेशक अंजू सेठ का लेटर मिलने के बाद शिक्षा मंत्रालय इस मामले पर पूरी नजर बनाए हुआ था. हालांकि शिक्षा मंत्रालय ने इसमें कोई दखल नहीं दिया, क्योंकि शिक्षा मंत्रालय चाहता है कि IIM जैसे संस्थानों की स्वयात्तता और निजता बनी रहे.
बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की अंजू सेठ से नाराजगी
शिक्षा मंत्रालय को लिखी गई चिट्ठी के बाद IIM कोलकाता ने अंजू सेठ खिलाफ प्रस्ताव पारित किया. बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अनुसार, निदेशक अंजू सेठ ने फैकल्टी के साथ सहयोग नहीं किया है और सरकार को पत्र लिखकर उन्होंने अनुचित व्यवहार किया. बोर्ड का कहना है कि गलत बयानों के जरिए अंजू सेठ ने शिक्षा मंत्रालय और बोर्ड के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश की.
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