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IIT-M सुसाइड केसः फातिमा के पिता की अपील, न्याय दिलाने में साथ दें

फातिमा के पिता ने पुलिस जांच पर जताया भरोसा

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आईआईटी मद्रास की छात्रा फातिमा लतीफ के पिता अब्दुल लतीफ ने लोगों से अपील की है, कि वे उनकी बेटी की मौत के बारे में तब तक लिखते रहें, जब तक इसके पीछे की सच्चाई सामने नहीं आ जाती. उन्होंने कहा है कि डीजीपी ने वादा किया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

बता दें, आईआईटी मद्रास में पढ़ने वाला मेधावी छात्रा फातिमा लतीफ ने बीती 9 नवंबर को अपने होस्टल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी.

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फातिमा हर चीज में नंबर वन थी, लेकिन उसका उत्पीड़न हो रहा था

आईआईटी मद्रास में ह्यूमैनिटीज एंड डेवलपमेंट स्टडीज की छात्रा फातिमा लतीफ के पिता ने मीडिया से बातचीत में बताया-

फातिमा हर चीज में नंबर वन थी, लेकिन उसका किसी तरह का उत्पीड़न किया जा रहा था. मेरी बेटी को सुदर्शन पद्मनाभन (एक प्रोफेसर) का डर था. डीजीपी ने सुसाइड नोट नहीं देखा था, उन्होंने इसे तभी देखा जब हमने दिखाया.  

फातिमा के पिता ने पुलिस जांच पर जताया भरोसा

फातिमा के पिता अब्दुल लतीफ ने पुलिस की जांच पर भरोसा जताया है. लतीफ ने कहा है कि उन्हें तमिलनाडु सरकार और पुलिस विभाग पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा-

हमारे पास जो भी सबूत थे, वो हमने डीजीपी को सौंप दिए हैं. मुझे तमिलनाडु सरकार और पुलिस विभाग पर भरोसा है. उसकी मौत के बाद से आईआईटी प्रबंधन ने हमें फोन या संपर्क नहीं किया है. वह बहुत ब्रिलिएंट स्टूडेंट थी.

क्राइम ब्रांच को सौंपा गया फातिमा का केस

चेन्नई के कमिश्नर एके विश्वनाथन ने कहा है कि फातिमा लतीफ का केस क्राइम ब्रांच को दे दिया गया है. क्राइम ब्रांच के साथ एक स्पेशल टीम भी इस मामले में जांच का हिस्सा होगी. कमिश्नर विश्वनाथन ने कहा, ''एडिशनल कमिश्नर की अध्यक्षता में एक स्पेशल टीम बनाई गई है जो इस मामले में जांच करेगी. इस केस में सभी कदम उठाए जा रहे हैं ताकि सच सामने आ सके.''

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IIT-मद्रास का बयान

आईआईटी मद्रास ने इस मामले को लेकर बयान जारी किया है और लगाए जा रहे आरोपों को निराशाजनक बताया है.

बयान में कहा गया है, ‘IIT मद्रास के छात्र, फैकल्टी और स्टाफ फातिमा लतीफ के असमय और दुर्भाग्यपूर्ण निधन से हैरान और दुखी हैं. IIT मद्रास कानून के तहत हर तरह का सहयोग और मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है.’

संस्थान ने अपने बयान में आगे कहा, ‘सोशल मीडिया पर संस्थान की ट्रोलिंग और जांच पूरी होने से पहले ही संस्थान का मीडिया ट्रायल निराशाजनक है और संस्थान के स्टाफ और छात्रों को हतोत्साहित करता है.’

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