उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रेत खनन के अवैध पट्टे आवंटित किए जाने के मामले में CBI ने दो IAS अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है. CBI ने मंगलावर को इस मामले की जांच में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 11 जगहों पर तलाशी ली.
CBI ने रेत खनन के अवैध पट्टे आवंटित किए जाने के संबंध में सहारनपुर के तत्कालीन डीएम अजय कुमार सिंह और पवन कुमार के खिलाफ FIR दर्ज की है.
क्या है आरोप?
सहारनपुर के जिलाधिकारी रहे अजय कुमार सिंह और पवन कुमार पर नियमों की अनदेखी कर खनन पट्टे देने और लीज रिन्यू करने के मामलों में धोखाधड़ी का आरोप है. CBI ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट में FIR दर्ज की है. CBI ने ये FIR नई दिल्ली में दर्ज की है.
तत्कालीन डीएम अजय कुमार सिंह और पवन कुमार के अलावा बीएसपी के एमएलसी महमूद अली, पूर्व बीएसपी एमएलसी वाजिद अली, खनन कारोबारी अमित जैन और चार्टर्ड अकाउंटेंट विकास अग्रवाल समेत कुल 12 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.
IAS अफसरों के आवास समेत 11 ठिकानों पर छापेमारी
बता दें, अजय कुमार सिंह फिलहाल खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज बोर्ड में सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं, जबकि पवन कुमार हाउसिंग एंड अर्बन प्लानिंग डिपार्टमेंट में स्पेशल सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं.
सीबीआई ने शुक्रवार को IAS अफसर अजय कुमार सिंह और पवन कुमार के आवास समेत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 11 जगहों पर छापेमारी की.
IAS अफसर के आवास से 15 लाख कैश और दो संपत्तियों के कागजात जब्त
जांच एजेंसी का दावा है कि अजय कुमार सिंह के आवास से 15 लाख रुपये और दो संपत्तियों के कागजात जब्त किए गए हैं. जांच एजेंसी ने बताया कि साल 2005 से 2015 के बीच सहारनपुर में आरोपियों को 13 पट्टे दिए गए थे.
ये पट्टे साल 2012-2015 के बीच उस वक्त के डीएम ने ई-टेंडरिंग के नियमों को ताक पर रखकर गलत तरीके से रिन्यू कर दिए. इसमें दोनों तत्कालीन जिलाधिकारियों पर प्राइवेट पर्सन्स से मिलीभगत का आरोप है.
सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि इन जिलाधिकारियों ने निजी लोगों के साथ आपराधिक साजिश में अपने पद का दुरुपयोग किया है और आरोपियों के पक्ष में लीज डीड को अंजाम दिया है. सीबीआई टीम ने सहारनपुर, देहरादून और लखनऊ समेत कुल 11 जगहों पर छापेमारी की.
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