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तस्वीरों में: कभी फीके नहीं पड़ते बनारस की गलियों के ये चटख रंग...
ये हैं बनारस के सोनारपुरा और गोदौलिया क्षेत्र की गलियों की कुछ तस्वीरें. देखें और इन गलियों में खो जाएं.
अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेन ने एक बार वाराणसी के बारे में कहा था, “बनारस इतिहास से भी पुराना है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लेजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और इन सब को मिलाकर भी बनारस से इनकी तुलना की जाए, तो बनारस उससे भी दोगुना पुराना है.”
आप इसे काशी कहिए, बनारस कहिए या वाराणसी कहिए, इस सदियों पुराने शहर को किसी एक नाम से पहचान की जरूरत नहीं. साल भर पर्यटकों से भरे रहने वाले शहर की हर बात निराली है.
यहां के मंदिर, यहां के घाट, यहां का खान-पान, कला और संस्कृति, चाय और पान की दुकानें, लोगों को दुनिया के कोने-कोने से खींचकर यहां ले आते हैं. पर सबसे खास हैं यहां की गलियां, जो सूरज उगने से कहीं पहले जाग जाती हैं और शायद कभी सोती नहीं.
कहते हैं कि एक बार इन गलियों में जो खो जाता है, कभी वापस नहीं लौट पाता, यानी उसे बनारस से प्यार हो जाता है.
यहां हैं बनारस के सोनारपुरा और गोदौलिया क्षेत्र की गलियों की कुछ तस्वीरें. देखें और इन गलियों में खो जाएं.