भारत में इस समय ‘मैरिटल रेप’ पर चर्चा जोरों पर है. मैरिटल रेप मतलब शादी के बाद पत्नी के साथ बिना उसकी इच्छा के जबरन शारीरिक संबंध बनाना.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मैरिटल रेप को अपराध न बनाए जाने के पक्ष में दलील दी है, कि इससे शादी नाम की संस्था कमजोर होगी. साथ ही इससे पुरुषों के खिलाफ अत्याचार को बढ़ावा मिलेगा.
यूएन वीमेन्स रिपोर्ट 2011 के मुताबिक 179 (जिनका डेटा उपलब्ध है) देशों में से सिर्फ 52 ने कानून बनाकर मैरिटल रेप को क्राइम माना है. बचे हुए 127 देशों में दो तरह के देश शामिल हैं.
पहले जिनमें मैरिटल रेप के लिए कानून बनाकर उसे अपराध नहीं माना गया है. दूसरे वे जिनमें रेप के कानूनों में मैरिटल रेप को अपवाद घोषित कर दिया गया है. मतलब मैरिटल रेप बलात्कार नहीं है. भारत जैसे देश.
वे देश जहां मैरिटल रेप क्राइम है:
एशिया- भूटान, हांगकांग, मलेशिया, नेपाल, फिलीपींस, थाईलैंड, तुर्की, ईस्ट तिमोर और विएतनाम
यूरोप- साइप्रस, डेनमार्क, डोमिनिकन रिपबल्कि, फ्रांस, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड, लिचेस्टिटीन, लक्समबर्ग, माल्टा, मोंटेनीग्रो, पुर्तगाल, मालडोवा, रोमानिया,सर्बिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्वीडन, मेसीडोनिया, सान मरीनो.
नॉर्थ अमेरिका- कनाडा, कोलम्बिया, क्यूबा, होंडुरास, मेक्सिको, त्रिनिदाद, अमेरिका, कोस्टारिका
साउथ अमेरिका- अर्जेंटीना, ब्राजील, चिली, पेरू, गुयाना, वेनेजुएला
अफ्रीका- बुरुंडी, केप वर्दे, नामीबिया, रवांडा, साउथ अफ्रीका, जिम्बाबवे
ऑस्ट्रेलिया- ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड
सबसे पहले पोलैंड ने 1932 में मैरिटल रेप को क्राइम माना था. ऑस्ट्रेलिया में 1970 के दौर में मैरिटल रेप को क्राइम माना गया था.
इसके अगले दो दशकों में स्कैनडिनेवियन देशों(स्वीडन, फिनलैंड और नॉर्वे), उसके बाद कम्यूनिस्ट ब्लॉक में इस पर कानून बनाकर क्राइम माना गया.
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आंकड़ों का श्रोत: यूएन वीमेन्स रिपोर्ट , द गार्जियन, इंडियन एक्सप्रेस
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