पिछले कुछ हफ्तों में भारत और चीन के बीच LAC पर तनातनी बढ़ गई है. ऐसा लगता है कि ये अभी कुछ दिन और चलेगी. 2 जून को CNN-News18 को दिए एक इंटरव्यू में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, " मुद्दा सुलझाने के लिए चीन को समर्पित होना पड़ेगा."
भारतीय सेना 31 मई को कह चुकी है कि भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर बातचीत कर रहे हैं. चीन ने लद्दाख सेक्टर में 5000 सैनिक, टैंक और आर्टिलरी गन अपनी तरफ तैनात की हैं. भारत ने भी अतिरिक्त सैन्य बल भेजा है.
स्थिति को पूरी तरह समझने के लिए आपका ये सात बातें जानना जरूरी है:
1. भारत और चीन के मिलिट्री लीडर 6 जून को मिलेंगे
राजनाथ सिंह ने 2 जून को बताया कि लद्दाख मामले को सुलझाने के लिए भारत और चीन के मिलिट्री लीडर 6 जून को मुलाकात करेंगे.
तनातनी की बात स्वीकार करते हुए सिंह ने कहा कि पहले भी दोनों देश मिलिट्री और डिप्लोमेटिक जरिए से तनाव कम कर चुके हैं. उन्होंने कहा, "डोकलाम मुद्दे के दौरान उसे राजनयिक ढंग से हल किया गया था और अब हम उनसे मिलिट्री के जरिए बात कर रहे हैं."
पिछले हफ्ते राजनाथ सिंह ने कहा था कि तनातनी पहले भी हुई है लेकिन इस बार मामला अलग है. उन्होंने कहा था कि चीन की सेना "इस बार कुछ ज्यादा दूर तक आ गई है".
2. सीमा के करीब प्रोजेक्ट के लिए 11,000 से ज्यादा मजदूर भेजे जाएंगे
सीमा पर तनाव के बीच भारत के रक्षा मंत्रालय ने रेलवे से 11 ट्रेनें मुहैया कराने को कहा है. इन ट्रेनों से करीब 11,815 मजदूरों को लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के काम के लिए भेजा जाएगा.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 22 मई को रेल मंत्रालय से झारखंड से जम्मू और चंडीगढ़ के लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था करने को कहा.
3. लद्दाख में उत्तरी कमांडरों की बैठक
उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी 2 जून को सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच स्थिति का जायजा लेने लद्दाख पहुंचे.
वो लद्दाख में सेना के बाकी कमांडरों के साथ बैठक करेंगे. इसमें 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के साथ बैठक भी शामिल है. पिछले साल अक्टूबर में लद्दाख कमांड संभालने से पहले सिंह मिलिट्री इंटेलिजेंस के डायरेक्टर जनरल थे.
4. पूर्वी लद्दाख से 30 किमी दूर चीन के फाइटर प्लेन, भारत की पैनी नजर
पूर्वी लद्दाख से महज 30 किमी की दूरी पर उड़ रहे चीनी फाइटर एयरक्राफ्ट पर भारत ने पैनी नजर बना रखी है.
इंडिया टुडे के सूत्रों के मुताबिक, होतान और गारगुंसा स्थित चीन की सेना PLA के एयर फोर्स बेस पर करीब 10-12 फाइटर एयरक्राफ्ट तैनात हैं. ये इलाका पूर्वी लद्दाख से नजदीक है.
5. अमेरिकी सांसद ने चीन को बताया 'बुली'
अमेरिका ने एक बार फिर चीन के भारत के खिलाफ 'आक्रामक रवैये' पर चिंता जताई है.
हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स के विदेशी मामलों की कमेटी के चीफ एलियट एंगेल ने 1 जून को चीन को 'बुली' कहा था. एंगेल ने कहा, "चीन को डिप्लोमेसी का इस्तेमाल कर सीमा विवाद को सुलझाना चाहिए."
एंगेल ने कहा, "मैं भारत-चीन सीमा पर चीन के आक्रामक रवैये को लेकर बहुत चिंतित हूं. चीन एक बार फिर दिखा रहा है कि वो अपने पड़ोसियों को बुली करने के लिए तैयार है."
6. भारत के साथ सीमा पर स्थिति अब स्थिर: चीन
चीन ने 1 जून को कहा है कि सीमा पर भारत के साथ स्थिति 'स्थिर और नियंत्रणीय' है. चीन ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत के माध्यम हैं, जिसके जरिए डायलॉग और परामर्श से मुद्दे को हल किया जा सकता है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनातनी जारी है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, "दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी आम सहमति को चीन लागू कर रहा है. हम अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए समर्पित हैं."
7. 'चीन की सेना कुछ जगहों पर पीछे हटी'
द ईस्टर्न लिंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा लग रहा है कि चीन की सेना PLA 'घुसपैठ' की कम से कम दो जगहों से पीछे हट रही है.
बाकी 'घुसपैठ' की जगहों पर भी PLA पिछले 10 दिनों से कम सक्रिय लग रही है. हालांकि दोनों ही देश अलर्ट हैं.
वहीं दूसरी तरफ चीन के ग्लोबल टाइम्स ने इस तनातनी के लिए भारत की सरकार को जिम्मेदार बताया है. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, "हालिया सीमा पर तनाव कोई घटना नहीं है, बल्कि नई दिल्ली की एक चाल है."
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