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भारत-चीन विवादः गलवान के बाद लगातार बढ़ा व्यापार,चीन बना नंबर-2 ट्रेडिंग पार्टनर

अमेरिका के बाद चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है.

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भारत
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भारत–चीन के तवांग झड़प के मद्देनजर चीन के साथ व्यापार संबंधों को खत्म करने की ताजा मांग के बीच आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि चीन के साथ भारत का आयात गलवान घाटी मुठभेड़ के बाद तेजी से बढ़ा है, जिसमें 20 से अधिक भारतीय सैनिक शहीद हुए थे.

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भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है चीन

अमेरिका के बाद चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. 2021–22 में,भारत–चीन द्विपक्षीय व्यापार $115.83 बिलियन था,जो भारत के कुल व्यापारिक व्यापार $1,035 बिलियन का 11.19 प्रतिशत था.

20 साल पहले तक,चीन 10वें स्थान पर(2001–12)या उससे नीचे था. (2000–01) में 12वें और 1998–99 में 18वें. हालांकि बाद में चीन ने तेज़ी से बढ़ना शुरू किया और 2012 तक भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बन गया. कुछ वक्त के लिए अमेरिका और यूएई ने चीन को पछाड़ा था पर चीन ने फिर वापसी कर ली और भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बन गया.

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भारत का अमेरिका के साथ 2021–22 के दौरान 32.85 बिलियन डॉलर का व्यापार था, चीन के साथ व्यापार 73.31 बिलियन डॉलर का था, जो किसी भी देश के लिए सबसे ज्यादा था. वास्तव में,2021–22 के दौरान चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा पिछले साल के स्तर $44.02 बिलियन से दोगुना था और और ये अब तक का सबसे बड़ा व्यापार था.

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2013-14 के बाद बना नंबर वन ट्रेडिंग पार्टनर

पिछले 21 साले में भारत और चीन के बीच का व्यापार 1 अरब डॉलर से बढ़कर 73 अरब डॉलर पहुंच गया है. आंकड़े बताते हैं कि चीन से आयात इस सदी की शुरुआत से आसमान छू रहा है. जो 2001–02 में 2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2020–21 में 94.57 बिलियन डॉलर हो गया है. हालाकि चीन को भारत का निर्यात कुछ बढ़ा जरूर है, लेकिन गति काफी हल्की रही है. अब भारत का चीन को निर्यात $1 बिलियन से $21 बिलियन तक बढ़ गया है.

इस साल इसके बढ़ने की उम्मीद है. साल 2022–23 वित्त वर्ष के पहले सात महीनों के दौरान,चीन के साथ भारत का व्यापार 51 अरब डॉलर रहा,जो इसी अवधि में दर्ज आंकड़े से अधिक था.

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गलवान घाटी मुठभेड़ के बाद बढ़ी व्यापार दर

व्यापार डेटा के एनालिसिस से पता चलता है कि चीन के साथ व्यापार हाल में ही तेजी से बढ़ा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक चीन से आयात का मासिक आंकड़ा जो कोविड के दौरान जून 2020 में 3.32 बिलियन डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गया था, वो प्रतिबंध हटते ही बढ़ाना शुरू हो गया और जुलाई में 5.58 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. तब से लेकर अब तक ये लगातार बढ़ रहा है और इस साल जुलाई में 10.24 अरब डॉलर पहुंच गया.

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भारत चीन से क्या खरीदता है?

चीन से भारत इलेक्ट्रिक मशीनरी,इक्विपमेंट और अन्य मैकेनिकल अप्लायंसेज खरीदता है. इसमें निकट भविष्य बदलाव की गुंजाइश भी कम दिख रही है.

पिछले छह साल में भारत में चीन से आयात होने वाली प्रमुख चीज़ों में ऑटोमैटिक डेटा प्रोसेसिंग मशीन,टेलीफोन इक्विपमेंट और वीडियो फोन, इलेक्ट्रिक सर्किट, ट्रांसिस्टर्स,साउंड रिकॉर्डिंग, एंटीबायोटिक्स, कैमरा, ऑटो कंपोनेंट और एक्सेसरीज और प्रोजेक्ट्स गुड्स शामिल हैं.

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चीन भारत से क्या खरीदता है?

पिछले छह साल में भारत से चीन का निर्यात मुख्य रूप से पेट्रोलियम ईंधन,कार्बनिक रसायन, रिफाइंड कॉपर, कॉटन यार्न का हुआ है. इसके अलावा निर्यात होने वाली खाद्य वस्तुओं में मछली, सी फूड, काली मिर्च और अन्य चीजें. ग्रेनाइट ब्लॉक और बिल्डिंग स्टोन और रॉ कॉटन का भी निर्यात हुआ.

इनपुट- इंडियन एक्सप्रेस

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