भारत-चीन सीमा (India China Border) पर एक बार फिर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती देखी जा सकती है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने कम से कम 50,000 अतिरिक्त सैनिकों को चीन (China) के साथ अपनी सीमा पर भेजा है. ये भारत के सैन्य रवैये में ऐतिहासिक बदलाव होगा, जो कि रक्षात्मक की जगह आक्रामक के तौर पर देखा जाएगा.
रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले चार लोगों के हवाले से कहा गया कि भारत ने चीन के साथ सीमा पर स्थित तीन इलाकों में तैनाती बढ़ाई है. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में भारत ने सैनिकों और फाइटर जेट स्क्वाड्रन तैनात किए हैं.
ब्लूमबर्ग को सूत्रों ने बताया कि अब भारत ने सीमा पर करीब 200,000 सैनिक तैनात किए हैं. दो सूत्रों ने कहा कि ये पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी से ज्यादा का इजाफा है.
ब्लूमबर्ग का कहना है कि इस पर टिप्पणी के लिए भारतीय सेना और प्रधानमंत्री कार्यालय को निवेदन भेजा गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया है.
'आक्रामक रक्षा' की रणनीति
पहले भारत की सैन्य मौजूदगी चीन की कार्रवाई को रोकने के मुताबिक की जाती थी. हालांकि, ब्लूमबर्ग का कहना है कि अब भारतीय कमांडरों के पास हमला करने और 'आक्रामक रक्षा' की रणनीति के तहत चीन के क्षेत्र पर कब्जा करने का विकल्प होगा.
इस रणनीति के तहत सैनिकों को घाटी से घाटी एयरलिफ्ट करने के लिए ज्यादा हेलीकॉप्टर और M777 हॉवित्जर जैसी आर्टिलरी गन शामिल हैं.
चीन की क्या तैयारी?
अभी ये साफ नहीं है कि चीन ने कितने सैनिक सीमा पर तैनात कर रखे हैं, लेकिन भारत को पता चला है कि चीनी सेना ने तिब्बत से अतिरिक्त बल को शिनजियांग मिलिट्री कमांड में शिफ्ट किया है. यही कमांड हिमालय में विवादित इलाकों में पेट्रोलिंग के लिए जिम्मेदार है.
चीन तिब्बत में विवादित सीमा के करीब नई रनवे इमारत, बम से बेअसर रहने वाले बंकर जिसमें फाइटर जेट रखें जा सकें और नई एयरफील्ड बना रहा है. चीन ने पिछले कुछ महीनों में लंबी दूरी की आर्टिलरी, टैंक, रॉकेट रेजिमेंट और दो इंजन वाले फाइटर भी तैनात किए हैं.
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