भारत और यूरोपियन यूनियन के बीच 8 साल के अंतराल के बाद फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत शुरू होगी. FTA को लेकर यह बातचीत 2013 से निलंबित थी और अब 8 मई को होने वाले इंडिया-ईयू समिट में यह अहम मुद्दा होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार इस मंच के 27 नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे.
इंडिया-ईयू समिट वर्जचुल मीटिंग को संबोधित करेंगे पीएम
कोविड-19 से जुड़े हालातों को देखते हुए 8 मई को इंडिया-ईयू समिट की मीटिंग वर्चुअल होगी. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे.
इंडिया और ईयू के नेताओं के बीच होने वाली इस वर्चुअल मीटिंग को एक महत्वपूर्ण अवसर के तौर पर देखा जा रहा है जिसमें भारत और यूरोपियन यूनियन के बीच रिश्तों को लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी.
यूरोपियन यूनियन के अधिकारी ने ANI को बताया कि, इंडिया और ईयू के बीच व्यापार से जुड़े मुद्दों में मतभेदों को सकारात्मक माहौल में दूर किया जाएगा. दोनों के बीच 2013 से बातचीत नहीं हुई है, लेकिन अब सकारात्मक माहौल बनता दिख रहा है इसलिए कह सकते हैं कि हम अब औपचारिक तौर पर बातचीत शुरू करेंगे.
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि भारत और यूरोपियन यूनियन के बीच साल 2013 से अटकी पड़ी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत मई में इंडिया-ईयू समिट में शुरू हो सकती है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि, इससे दोनों पक्षों के बीच रिश्तों को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
बता दें कि आई सेक्टर के लिए डेटा सिक्योरिटी समेत कई अहम मुद्दों पर मतभेद मिटाने में विफल रहने की वजह से भारत और ईयू देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत मई 2013 से अटकी पड़ी है. भारत ये मानता है कि वैश्विक मंच पर जिस तरह के बदलाव हो रहे हैं, उसमें यूरोपियन यूनियन की भूमिका अहम होगी.
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