अमेरिका ने शुक्रवार को भारत को पहला अपाचे हेलिकॉप्टर सौंप दिया. भारत ने अमेरिकी कंपनी बोइंग से 22 अपाचे हेलिकॉप्टर का सौदा किया है. इनमें से पहला अपाचे गार्जियन अटैक हेलिकॉप्टर एरिजोना की प्रोडक्शन फेसिलिटी सेंटर में भारतीय वायुसेना को सौंप दिया गया. अपाचे का पहला बैच भारत को जुलाई तक मिल सकता है.
हर तरह के मिशन के लिए मुफीद
विश्लेषकों का कहना है कि अपाचे इंडियन एयर फोर्स की मारक क्षमता को काफी मजबूत बना सकता है. अपाचे छिप कर वार कर सकता है और यह हर तरह के मिशन के लिए कारगर है. अपाचे हेलिकॉप्टर की कई खासियते हैं. इनमें अहम है
- हर तरह के मिशन के लिए मुफीद
- लेजर और इन्फ्रारेड सिस्टम से लैस
- डे-नाइट ऑपरेशन के लिए कारगर
- हवा से जमीन में मार करने करने वाली मिसाइलों से लैस
- सटीक निशाने के लिए हेलफायर मिसाइल लगी हैं
- 70 मिमी रॉकेट और ऑटोमैटिक कैनन
अब तक रूसी Mi-35 हेलिकॉप्टरों से चल रहा था काम
अपाचे भारतीय सेना में शामिल पहला अटैक हेलिकॉप्टर है. अब तक भारत रूसी Mi-35 हेलिकॉप्टर का बरसों से इस्तेमाल से करता आ रहा था. अब ये आउट ऑफ सर्विस होने लगे हैं.भारत ने अमेरिकी कंपनी से 22 AH-64 E अपाचे खरीदने का सौदा किया है. इनकी कुल कीमत 118 अरब रुपये है. यह सौदा सितंबर 2015 में हुआ था. इससे पहले बोइंग से 15 चिनूक हेलिकॉप्टरों का भी सौदा हुआ था. चार चिनूक हेलिकॉप्टर पहले ही इंडियन एयर फोर्स में शामिल किए जा चुके हैं.
अपाचे जैसे अटैक हेलिकॉप्टर आसानी से कहीं भी ले जाए जा सकते हैं. इनके जरिये जमीन पर आगे बढ़ रही सेना को दुश्मन के टैंकों और हेलिकॉप्टर के हमले से बचाया जा सकता है. अपाचे में दो क्रू मेंबर होते हैं और ये 293 किलोमीटर तक की रफ्तार से उड़ सकता है. इसे 21000 फीट की ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है और ये एक बार ईंधन भरने के बाद 476 किमी तक जा सकता है.
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