भारत में फर्टिलिटी रेट (Total Fertility Rate) में गिरावट आई है. नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल (Dr Vinod Kumar) और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव राजेश भूषण ने 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जनसंख्या, फर्टिलिटी और चाइल्ड हेल्थ , फैमिली वेलफेयर, पोषण और अन्य पर प्रमुख बिन्दुओं की फैक्टशीट जारी की.
सर्वे से पता चला है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी टायर 2 राज्यों ने फर्टिलिटी रेट का रिप्लेसमेंट लेवल (2.1) हासिल कर लिया है.
सर्वे में पाया गया है कि कुल गर्भनिरोधक दर (Contraceptive Rate) राष्ट्रीय स्तर पर (पंजाब को छोड़कर) लगभग सभी टायर 2 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 54 प्रतिशत से बढ़कर 67 प्रतिशत हो गई है. लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गर्भ निरोधकों के आधुनिक तरीकों का उपयोग भी बढ़ा है.
भारत में सिक्किम में 1.1 की दर से सबसे फर्टिलिटी रेट वाला प्रदेश बना है, वहीं केरल और तमिलनाडु में इसमें मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सर्वे के प्रमुख बिंदुओं से पता चला है कि फेमिली कंट्रोल की जरूरतों में राष्ट्रीय स्तर पर और दूसरे चरण के ज्यादातर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 13 प्रतिशत से 9 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. इस अंतराल की आवश्यकता पहले भारत में एक अहम मुद्दा बनी हुई थी, झारखंड को छोड़कर सभी राज्यों में 12 प्रतिशत और अरुणाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों में 13 प्रतिशत पर घटकर 10 प्रतिशत से भी कम रह गई है.
सर्वे को नोट करते हुए 12-23 महीने की उम्र के बच्चों के बीच अलग-अलग बीमारियों से बचाव के लिए पूर्ण टीकाकरण अभियान में राष्ट्रीय स्तर पर 62 प्रतिशत से 76 प्रतिशत तक सुधार दर्ज किया गया है. 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में से 11 प्रदेशों में 12 से 23 महीने की उम्र के तीन-चौथाई से अधिक बच्चों का पूरी तरह से टीकाकरण हुआ है और यह ओडिशा के लिए उच्चतम 90 प्रतिशत है.
टायर दो में जिन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का सर्वे किया गया, उनमें अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड हैं.
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