भारत ने हाल में रणनीतिक तौर पर अहम लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली एक लिंक रोड का उद्घाटन किया है. लेकिन अब नेपाल ने इस पर आपत्ति जताई है.
17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित लगभग 80 किलोमीटर लंबी यह लिंक रोड, तिब्बत में कैलाश मानसरोवर की यात्रा को कम करने के लिए बनाई गई है. मगर चीन और नेपाल की सीमा से सटे होने की वजह से इसकी रणनीतिक तौर पर अहमियत बढ़ जाती है. यहां के कुछ हिस्से पर नेपाल और भारत का सीमा विवाद है.
नेपाल के विदेश मंत्री ने अपने बयान में कहा, 'यह एकतरफा कार्रवाई है. यह हमारी आपसी समझ के खिलाफ है. सीमा संबंधी विवाद बातचीत के जरिए ही सुलझाए जाते रहे हैं.'
विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
भारत के विदेश मंत्रालय ने नेपाल को जवाब देते हुए कहा, 'इस रोड का इस्तेमाल तीर्थ यात्रियों द्वारा कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए किया जाता रहा है और यह भारतीय भू-क्षेत्र में आती है.'
‘जिस रोड का उद्घाटन किया गया है वह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में आती है. यह पूरी तरह भारतीय सीमा में है. इस रोड का इस्तेमाल पहले भी कैलाश मानसरोवर यात्रियों द्वारा तीर्थ यात्रा के लिए किया जाता रहा है. मौजूदा प्रोजेक्ट के तहत इन्हीं चीजों को ध्यान में रखकर काम किया गया है.विदेश मंत्रालय, भारत
भारत ने अपने बयान में आगे कहा, ‘दोनों देशों के बीच सीमा संबंधी किसी भी तरह के विवादों को निपटाने के लिए हम कूटनीतिक और चर्चा से हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध है.’
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