ADVERTISEMENTREMOVE AD

आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण,जमीन से हवा में 25KM तक कर सकती है वार 

ओडिशा में आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. आकाश को डीआरडीओ ने विकसित किया है  

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

भारत ने मंगलवार शाम जमीन से हवा में अचूक प्रहार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल 'आकाश' का सफल परीक्षण किया. ओडिशा में हुए इस परीक्षण में इस स्वदेशी मिसाइल ने एक मानव रहित विमान को सफलतापूर्वक निशाने पर लिया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'आकाश' ने बीच हवा में 'बंशी' को ध्वस्त किया

आकाश को ओडिशा की एक परीक्षण रेंज से सफल परीक्षण-प्रक्षेपण किया, जिसमें स्वदेश निर्मित रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर है. बालेश्वर के पास चांदीपुर में आईटीआर यानी इंटीग्रेटिड टेस्ट रेंज के परिसर-3 से इस अत्याधुनिक स्वदेश निर्मित मिसाइल का परीक्षण किया गया. परीक्षण के तहत मिसाइल को एक मानवरहित वायुयान ‘बंशी’ पर निशाना साधना था. और आकाश ने अचूक निशाना साधते हुए बंशी को बीच हवा में मार गिराया.

0

सेना में शामिल होने को तैयार

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि परीक्षण के दौरान तटीय क्षेत्र में रडारों, टेलीमेटरी और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल प्रणालियों ने मिसाइल के सभी स्वास्थ्य मानकों पर नजर रखी, प्रत्येक मानक पर आकाश मिसाइल खरी उतरी. यह सुपरसोनिक मिसाइल सतह से हवा में प्रहार करने वाली पहली मिसाइल है, जिसमें स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर है और इसे कम दूरी की सतह से हवा में प्रहार करने वाली मिसाइल के रुप में सेना में शामिल किया जा रहा है. रक्षा सूत्रों ने कहा कि सफल परीक्षण प्रक्षेपण के साथ भारत ने किसी भी तरह की सतह से हवा में प्रहार करने वाली मिसाइल बनाने की क्षमता हासिल कर ली है.आकाश में करीब 25 किलोमीटर की दूरी तक निशाना साधने की क्षमता है और यह 55 किलोग्राम के विस्फोटक अपने साथ ले जा सकती है. यह किसी भी मौसम में काम कर सकता है और मीडियम रेंज एयर टारगेट पर अचूक वार कर सकता है.

ओडिशा  में  आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. आकाश को डीआरडीओ ने विकसित किया है  
आकाश को डीआरडीओ ने विकसित किया है
(फोटो: रॉयटर्स) 
ADVERTISEMENTREMOVE AD

मिसाइलों को भी निशाना बनाएगा

रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान यानी डीआरडीओ की ओर से विकसित किया गया आकाश मिसाइल लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइल और हवा से जमीन पर वार करने वाले बैलिस्टिक मिसाइलों को भी आसानी से निशाना बना सकता है. इसका सिस्टम इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कई तरफ से आते खतरों को एकसाथ आसानी से निशाना बनाया जा सके. इस मिसाइल में रैमजेट रॉकेट सिस्टम इस्तेमाल किया गया है जो ऑटोपायलट सिस्टम से लैस है. ये सिस्टम मिसाइल की मारक क्षमता और ज्यादा सटीक बना देती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

यह परीक्षण डीआरडीओ के डायरेक्टर जनरल (मिसाइल) और रक्षा मंत्री के सलाहकार जी. सतीश रेड्डी के देखरेख में किया गया. इस मौके पर डीआरडीओ के दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. रेड्डी ने आकाश मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और सेना को बधाई दी है.

(इनपुट: भाषा)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×