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जांच कमेटी पर था जाट आंदोलन में हिंसा करने वालों को बचाने का दबाव!

जांच टीम के अध्यक्ष प्रकाश सिंह का दावा, अपराधियों को क्लीनचिट देने के लिए दबाव डालने की कोशिश की गई थी.

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हरियाणा के जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच कर रही प्रकाश सिंह कमेटी ने एक नया खुलासा किया है. कमेटी के अध्यक्ष प्रकाश सिंह का कहना है कि कुछ लोगों ने उन पर कमेटी की रिपोर्ट में बदलाव करने का जोर डाला और इस मुद्दे से जुड़े अपराधियों को क्लीनचिट देने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की.

हालांकि प्रकाश सिंह का दावा है कि उन्होंने पूरे निष्पक्ष ढंग से यह रिपोर्ट तैयार की. दंगा प्रभावित लोगों की बात पूरी जिम्मेदारी से सुनी और वही लिखा, जो उन्होंने सच पाया.

कमेटी के खिलाफ कुछ नेताओं को भड़काना, कड़वे बयान देना और सिफारिशें करना, सब कुछ कमेटी के गठन के बाद से ही होने लगा था.
प्रकाश सिंह

450 पेज की है प्रकाश सिंह रिपोर्ट

हरियाणा के उच्च अधिकारियों के अनुसार, 13 मई को कमेटी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अपनी 450 पेज की यह रिपोर्ट सौंप दी थी, जिसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा. लेकिन इस दौरान के अपने सभी तजुर्बों को साझा करते हुए प्रकाश ने कई बातें शेयर कीं...

  • प्रकाश सिंह ने कहा, जब जांच अपने अंतिम चरण में थी, तो कुछ लोगों को लगा कि उनके भविष्य पर सवालिया निशान लग सकता है. आप जानते हैं कि इन दिनों कई अधिकारियों के अपने राजनीतिक संरक्षक होते है, वे उन्हें भेजने लगे थे.
  • लेकिन मैं एक बात कहूंगा, हर किसी ने मुझसे सम्मान से बात की. वे बस यह चाहते थे कि कुछ लोगों को क्लीनचिट दे दी जाए.
  • सिंह ने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार जल्द ही रिपोर्ट को सार्वजनिक कर देगी.
  • सिंह ने कहा कि जिन अधिकारियों ने अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरती, उनकी पहचान कर ली गई है. उनके नाम सरकार को दे दिए गए हैं.
  • सरकार ने अपनी तरफ से भी रिपोर्ट पर कार्रवाई शुरू कर दी है. इसके आधार पर कई एसडीएम और डीएसपी निलंबित कर दिए गए हैं.

प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट एक सप्ताह पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री को सौंप दी गई. आईएएस और आईपीएस अधिकारियों सहित 90 अधिकारियों को फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान जानबूझकर लापरवाही बरतने का जिम्मेदार भी पाया गया.

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