फरवरी में पैंगोंग झील (Pangong Tso) के दोनों तटों पर मौजूद चोटियों से भारत और चीन ने अपने सैनिक पीछे बुला लिए थे. लेकिन चीन अभी भी LAC के बहुत करीब अपने सैन्य बल की तैनाती कर रहा है. 28 मई को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (MM Narvane) ने कहा कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में लगभग 50,000 से 60,000 सैनिकों को 'इमिडिएट डेप्थ' में तैनात किया है, जहां से उन्हें थोड़े समय में ही फॉरवर्ड इलाकों में भेजा जा सकता है. '
नरवणे ने कहा कि इसलिए भारत ने भी डेप्थ में इसी तरह की तैनाती की है. उन्होंने कहा LAC पर भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक. इमिडिएट डेप्थ LAC से 150-200 किमी की दूरी को कहते हैं.
“चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सैनिक हाई अलर्ट पर हैं. भारत चाहता है कि अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल हो.”जनरल एमएम नरवणे
'पैंगोंग से हटने के बाद तैनाती कम नहीं हुई'
जनरल नरवणे ने कहा कि दोनों देशों ने लद्दाख थिएटर में 50,000-60,000 सैनिक तैनात किए हुए हैं और पैंगोंग झील से हटने के बाद भी तैनाती कम नहीं हुई है.
पैंगोंग झील इलाके में डिसएंगेजमेंट के बाद इस प्रक्रिया में आगे कुछ काम नहीं हो पाया है. चीनी सेना हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेपसांग जैसे इलाकों से अपने सैनिक वापस लेने पर राजी नहीं हुई है.
“हमें हर दौर की बातचीत के बाद नतीजों की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. पैंगोंग पर डिसएंगेजमेंट कई दौर की बातचीत के बाद हुआ था. 12वें दौर की बातचीत आयोजित करने का काम चल रहा है. ये कोविड स्थिति की वजह से समय ले रहा है लेकिन बातचीत होगी.”
सेना प्रमुख ने कहा कि भारत ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि दोनों पक्षों की पारस्परिक संतुष्टि पर डिसएंगेजमेंट पूरा होने के बाद ही डिएस्केलेशन पर विचार किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में LAC के साथ हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेपसांग जैसे अन्य विवादित बिंदुओं पर बकाया समस्याओं को हल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
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