भारत के महावाणिज्य दूत के परिवार को दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर में लुटेरों ने निशाना बना लिया. लुटेरों ने उनके आधिकारिक आवास में कुछ देर के लिए बंधक भी बनाए रखा. कौंसल जनरल शशांक विक्रम के परिवार, उनके कर्मचारी और बच्चों को पढ़ाने आए एक टीचर को उनके घर पर बंधक बना लिया गया.
कौंसल एसके पांडे ने बताया कि वे लोग ठीक हैं लेकिन उन्हें सदमा पहुंचा है. किसी को भी शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा है. साउथ अफ्रीका के 'द पोस्ट' अखबार के मुताबिक, 8 बंदूकधारी लुटेरों ने घर में घुसकर इस घटना को अंजाम दिया.
इंडिपेंडेंट ऑनलाइन की खबर के मुताबिक, एक घरेलू सहायक का मोबाइल फोन भी छीन लिया गया. घटना के बाद भारत ने दक्षिण अफ्रीका को वियना संधि के तहत राजनयिक कर्मचारियों और संपत्ति की सुरक्षा की उसकी ड्यूटी याद दिलाई.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि विदेश में तैनात भारतीय राजदूतों और कर्मचारियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. भारत सरकार उनके परिवार की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शशांक विक्रम से बात कर उनका हालचाल जाना और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है.
( इनपुट भाषा से)
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