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Covid19: मैराथन रनर ‘वाहेगुरू बाबा’ का निधन, UK में ली अंतिम सांस

अमरिक सिंह मार्च में पंजाब अपने मूल गांव आए थे जहां उन्होंने नेत्र जांच शिविर लगाया था.

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कोरोना वायरस की वजह से भारत के मैराथन रनर अमरिक सिंह की मौत हो गई है. दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन रनर फौजा सिंह (109 साल) के अच्छे दोस्त 89 साल के अमरिक सिंह ने 22 अप्रैल को बर्मिंघम सिटी अस्पताल में अंतिम सांस ली. इंडियन एक्सप्रेस के खबर के मुताबिक, अमरिक सिंह मार्च में पंजाब आए थे और जब वह वापस बर्मिंघम गए तो उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया.

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अमरिक के पोते पमन सिंह ने बताया कि, डाक्टरों को उनके आखिरी शब्द को समझने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. उनके दादा ने आखिरी शब्द 'वाहेगुरू' कहा था. डॉक्टर उनसे पूछ रहे थे क्या आप किसी को कॉल करना चाहते हैं. लेकिन वह केवल कह रहे थे 'वाहेगुरू, वाहेगुर..' स्कॉटलैंड में रह रहे पमन सिंह ने कहा मेरे दादा जी समुदाय में 'वाहेगुरु बाबा' बाबा के नाम से जाने जाते थे.

मार्च में पंजाब आए थे अमरिक सिंह

अमरिक सिंह ने 26 बार लंदन मैराथन में भाग लिया था. उनके पोते ने कहा, हर साल वे अपने गांव जाते थे. इस साल ही 12 फरवरी से 13 मार्च तक वे अपने मूल गांव पंजाब के जालंधर स्थित पड्डी खालसा गए थे. जहां उन्होंने नेत्र जांच शिविर लगाया था. वहां वे लोगों की सेवा कर रहे थे और जरूरतमंद लोगों की मदद करते थे. इसके लिए वह विदेशों से मिले डोनेशन को खर्च करते थे. पमन ने बताया कि,

वे 13 मार्च को वापस बर्मिंघम लौटे थे. लेकिन उनकी तबीयत धीरे-धीरे खराब हो रही थी. 12 अप्रैल को उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई और जांच कराने के बाद उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव निकला. 10 दिनों के बाद 22 अप्रैल को उनका निधन हो गया.

फौजा सिंह के साथ बनाई थी रनिंग क्लब 'टीम फौजा'

फौजा सिंह ने साल 2011 में 100 साल की उम्र में मैराथन पूरा करने वाले दुनिया के सबसे पुराने रनर बनकर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कि थी. उनके साथ दो और सिख थे- अमरिक सिंह और अजीत सिंह, जिन्होंने यूके में रेसिंग में भाग लेना शुरू किया. बाद में जब उनके साथ फौजा सिंह जुड़े तो तीनों यूके में मैराथन में एक जाना पहचाना चेहरा बन गए और उन्होंने एक रनिंग क्लब 'टीम फौजा' का गठन किया.

मैराथन रनर अमरिक अपने पीछे 650 से अधिक मेडल छोड़ कर गए हैं, जो उन्होंने दुनियाभर में कई दौर में जीते थे. इनमें से 100 मैराथन शामिल थे.

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