रांची(Ranchi) के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर बच्चे को सफर नहीं करने देने के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है. एयरलाइन ने शनिवार को विशेष रूप से दिव्यांग बच्चे को विमान में सवार होने से रोक दिया था क्योंकि वह ‘‘घबराया’’ हुआ था. इसके बाद उड्डयन नियामक डीजीसीए ने जांच शुरू कर दी और एयरलाइन से एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा
राष्ट्रीय बाल आयोग के के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि मामले में संज्ञान लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है. वहीं इस मामले में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि वह स्वयं इंडिगो एयरलाइंस की कथित घटना की जांच करेंगे
उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा कि
‘‘ऐसे बर्ताव को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. किसी भी इंसान को ऐसी स्थिति से नहीं गुजरना पड़े. खुद मामले की जांच कर रहा हूं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.’’
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) प्रमुख अरुण कुमार ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि नियामक ने इस मामले पर इंडिगो से रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने बताया कि डीजीसीए इस घटना की जांच कर रहा है और वह उचित कार्रवाई करेगा
वहीं, इस घटना के बारे में इंडिगो ने कहा है कि ''यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, एक दिव्यांग बच्चा 7 मई को अपने परिवार के साथ उड़ान में सवार नहीं हो सका क्योंकि वह घबराया हुआ था.'' कर्मचारियों ने आखिरी समय तक उसके शांत होने का इंतजार किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इंडिगो ने कहा कि एयरलाइन ने उन्हें होटल में ठहरने की सुविधा दी और उन्होंने अगली सुबह अपने गंतव्य के लिए उड़ान भरी.
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