इकनॉमी के मोर्चे पर दो खराब ट्रेंड सामने आए हैं. जून में महंगाई दर 5 महीने के शिखर पर पहुंच गई, जो मई में 4.87 फीसदी थी.खुदरा महंगाई दर लगातार तीसरे महीने बढ़ी है.
दूसरी तरफ इकनॉमी को डबल झटका देने वाली खबर औद्योगिक उत्पादन दर से आई है. आकंड़े के मुताबिक, इंडस्ट्री की रफ्तार 7 महीने में सबसे कम रह गई. मई में इंडस्ट्री सिर्फ 3.2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी. अप्रैल महीने में ये आंकड़ा 4.9 फीसदी का था. हालांकि, पिछले साल मई में ये वृद्धि दर 2.9% रही थी.
मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर में गिरावट, इंडस्ट्री की रफ्तार को कम करने की वजह बताई जा रही है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मई महीने में मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर के 23 इंडस्ट्री में से 13 में ही बढ़ोतरी रही.
इस दौरान माइनिंग, मैन्युफेक्चरिंग, और बिजली क्षेत्रों की ग्रोथ रेट पिछले साल मई के मुकाबले 5.7 फीसदी, 2.8 फीसदी और 4.2 फीसदी रही. वहीं अप्रैल-मई 2018 की अवधि में क्षेत्रों की पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 4.9 फीसदी, 4.0 फीसदी व 3.1 फीसदी रही.
वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और नॉन कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर की ग्रोथ रेट मई महीने में 4.3 फीसदी और (-) 2.6 फीसदी रही है.
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